मादुरो पर ड्रोन हमले के पीछे किसका हाथ?
वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को ख़त्म करने के लिए विस्फोटक पदार्थ से लदा एक ड्रोन उस स्थान पर विस्फोटित हुआ जहां वे एक सैन्य समारोह में भाषण दे रहे थे।
वेनेज़ोएला के सूचना मंत्री ख़ोर्ख़े रूड्रिग्ज़ ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि यह घटना मादुरो की हत्या के लिए रची गयी साज़िश का नतीजा थी।
मादुरो की हत्या के लिए ऐसी हालत में धमाका किया गया कि काफ़ी समय से वेनेज़ोएला के भीतर और बाहर उनके विरोधी उन्हें हटाने और इस देश की मौजूदा शासन व्यवस्था सहित लैटिन अमरीका की वामपंथी व्यवस्था को ख़त्म करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पिछले कुछ साल के दौरान वेनेज़ोएला में राजनैतिक संकट गहराया और देश में विरोधियों द्वारा अमरीका के समर्थन से विरोध प्रदर्शन हुए हैं। राजनैतिक संकट गहराने की वजह से वेनेज़ोएला में आर्थिक व सामाजिक मुश्किलें भी बढ़ी हैं। इन मुश्किलों के बावजूद मादुरो देश की जनता के समर्थन से देश के भीतरी हालात को बेहतर करने में सफल हुए और इसकी मिसाल मौजूदा साल के शुरु में वेनेज़ोएला में हुए राष्ट्रपति चुनाव में मादुरो की जीत और उनका दोबारा इस देश का राष्ट्रपति बनना है। उनके दोबारा राष्ट्रपति बनने से उनके विरोधियों में ख़ास तौर पर वॉशिंग्टन और उसके घटकों का क्रोध भड़क उठा है। मादुरो की कामयाबी से खिसयाए अमरीका और योरोप ने वेनेज़ोएला के चुनावी नतीजे को मानने से इंकार कर दिया और वॉशिंग्टन ने एक बार फिर वेनेज़ोएला के ख़िलाफ़ पाबंदियां बढ़ाने का हथकंडा अपनाया।
वेनेज़ोएला के वित्तीय व ऊर्जा क्षेत्रों पर कई महीने से अमरीका ने पाबंदी लगा रखी है। मादुरो और उनकी वामपंथी सरकार को ख़त्म करने के पीछे वॉशिंग्टन के मुख्य लक्ष्य वेनेज़ोएला के प्राकृतिक स्रोतों में ख़ास तौर पर तेल तक पहुंच बनाना, वेनेज़ोएला की रणनैतिक स्थिति से फ़ायदा उठाना और लैटिन अमरीका में पैठ बढ़ाना हैं।(MAQ/T)