इमरान ख़ान ने नागरिकता संशोधन बिल को द्विपक्षीय समझौते और मानवाधिकार के ख़िलाफ़ बताया
(last modified Tue, 10 Dec 2019 07:35:15 GMT )
Dec १०, २०१९ १३:०५ Asia/Kolkata
  • इमरान ख़ान ने नागरिकता संशोधन बिल को द्विपक्षीय समझौते और मानवाधिकार के ख़िलाफ़ बताया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारतीय संसद के निचले सदन में पारित होने वाले नागरिकता संशोधन बिल को द्विपक्षीय समझौते और मानवाधिकार के ख़िलाफ़ बताया है।

इमरान ख़ान ने ट्वीट करके लोकसभा में पास हुए नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। उन्होंने दावा किया है कि यह बिल दोनों देशों के बीच हुए समझौते के विरुद्ध है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा है कि भारत की लोकसभा द्वारा जो नागरिकता बिल पास किया गया है, उसका हम विरोध करते हैं क्योंकि यह बिल, पाकिस्तान के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते और मानवाधिकार क़ानून का उल्लंघन करता है। इमरान ख़ान ने कहा है कि यह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिंदू राष्ट्र का एजेंडा है जिसे अब मोदी सरकार लागू कर रही है।

 

इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके इस बिल का विरोध किया गया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह बिल दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय समझौतों का पूरी तरह से उल्लंघन है और विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के लिए चिंताजनक है। ज्ञात रहे कि भारत सरकार ने जो नागरिकता संशोधन बिल पेश किया है, उसके अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से आने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

 

विपक्षी दलों ने इस बिल को सांप्रदायिक बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के क़ानून में वे इस्लामी देश हैं, इसलिए वहां मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं, इसी लिए उन्हें इस बिल में शामिल नहीं किया गया है। (HN)

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