अब अमरीकी रक्षा मंत्री ने भी ट्रम्प की तरह अमरीकियों को दी यह धमकी!
अमरीका के रक्षा मंत्री ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सैनिकों का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में होना चाहिए।
अमरीकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है था प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के लिए सेना का प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए। उन्होंने यह बयान अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से सेना के प्रयोग की धमकी के बाद दिया था। अमरीकी रक्षा मंत्री ने कहा था कि मैं इन्सुरेक्शन एक्ट के प्रयोग का समर्थक नहीं हूं क्योंकि अभी उसकी नौबत नहीं आयी है। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सांकेतिक रूप में यह कह दिया कि सेना का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में किया जा सकता है।
दर अस्ल अमरीका में देश के भीतर सेना के इस्तेमाल के लिा इस कानून की मदद लेनी होती है जो सन 1807 में पास हुआ था। अंतिम बार इस कानून को सन 1992 में प्रयोग किया गया था जब लॅास एंजलिस में हंगामे हुए थे।
अमरीकी रक्षा मंत्री के बयान के बाद अमरीका में यह बहस छिड़ गयी है कि ट्र्म्प और रक्षा मंत्री में मतभेद हो गये हैं। हालांकि अमरीकी रक्षा मंत्री ने बाद में अपने बयान को वापस लेने और लीपा पोती की कोशिश की लेकिन भीतर जो मतभेद का लावा पक रहा है वह खुल कर सामने आ गया।
सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में भी खुल कर कहा है कि अमरीका के रक्षा मंत्री ने इस देश के राष्ट्रपति से अलग रुख अपनाया है। एनबीसी न्यूज़ ने भी कहा कि अमरीकी रक्षा मंत्री ने ट्रम्प के बयान की आलोचना की और उनसे दूरी बना ली है।
लेकिन सच्चाई यह है कि ट्रम्प और मार्क एस्पर ने एक ही बात कही है। ट्रम्प ने कहा है अगर अंशाति जारी रही तो कुछ राज्यों में सेना को बुलाया जा सकता है जबकि मार्क एस्पर ने कहा कि वह सेना को बुलाने का समर्थन नहीं करते और सेना को अंतिम विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
यह भी रोचक है कि अमरीकी अधिकारियों की बयान बाज़ियों के साथ ही कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि अमरीकी सेना ने 1600 सैनिकों को वाशिंग्टन के आस पास भेज दिया है ताकि वह ज़रूरत पड़ने पर एक्शन ले सकें। यह भी बताया जा रहा है कि सैन्य हेलीकाप्टरों ने वाशिंग्टन में बेहद नीची उड़ान भरी ताकि प्रदर्शनकारियों को तितर बितर किया जा सके।
अमरीका में एक अश्वेत नागरिक की पुलिसकर्मियों द्वारा बेदर्दी से हत्या के बाद प्रदर्शनों का क्रम शुरु हो गया जो ग्यारहवें दिन भी जारी है। Q.A.