पेरिस क्लामेट चेंज संधि में अमरीका लौटा, जॉन केरी ने इंसानियत के सामने माना इसे सबसे गंभीर चुनौती, हल भी बताया...
पूर्व अमरीकी विदेश मंत्री और बाइडेन सरकार में क्लामेट चेंज मामलों के प्रभारी जॉन केरी ने ऐसे फ़ैसले करने की अपील की जिससे दुनिया में क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटा जा सके।
सीएनएन के मुताबिक़, जॉन केरी ने दुनिया के सामने क्लामेट चेंज की चुनौती को बहुत संभीर बताया और कहा कि बिजली से चलने वाली कारों का इस्तेमाल, इस चुनौती से निपटने के हल में शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस रास्ते पर बढ़ने के लिए बिजली का प्रोडक्शन बढ़ाना होगा, लेकिन इसका प्रोडक्शन इस तरह हो कि पर्यावरण को नुक़सान न हो।
यह सभी लक्ष्य हासिल हो सकते हैं।
केरी ने कहा कि भविष्य की ओर बद्लाव बहुत ही आकर्षक प्रक्रिया है जिससे रोज़गार के बहुत से मौक़े पैदा होंगे। जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन बारंबार कह चुके हैं कि कोरोना वायरस कोविड-19 पैन्डेमिक की वजह से हमें इस ओर ज़्यादा सोचना चाहिए।
जॉन केरी ने आगे कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था को गंभीर झटके लगे। हमें, फ़ॉसिल फ़्यूल जलाने से बचने के लिए या तो अभी पैसे ख़र्च करने पड़ेंगे या फिर भविष्य में क्लाइमेट चेंज से होने वाले नुक़सान की भरपाई पर ख़र्च करने पडेंगे।
ग़ौरतलब है कि पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनिया भर में व्यापक विरोध के बावजूद, इस देश को क्लाइमेट चेंज संधि से बाहर निकाल लिया था, वह भी ऐसी हालत में जब दुनिया में पर्यावरण को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुंचाने और ज़मीन का तापमान बढ़ाने वाली ग्रीन हाउस गैस का सबसे ज़्यादा अमरीका उत्सर्जन करता है।
(MAQ/N)
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