Jun ०९, २०२५ १७:१७ Asia/Kolkata
  • क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-1000

सूरए वाक़ेया आयतें , 20 से 40

 

आइए सबसे पहले सूरए वाक़ेआ की आयत संख्या 20 से 26 तक की तिलावत सुनते हैं,

وَفَاكِهَةٍ مِمَّا يَتَخَيَّرُونَ (20) وَلَحْمِ طَيْرٍ مِمَّا يَشْتَهُونَ (21) وَحُورٌ عِينٌ (22) كَأَمْثَالِ اللُّؤْلُؤِ الْمَكْنُونِ (23) جَزَاءً بِمَا كَانُوا يَعْمَلُونَ (24) لَا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا وَلَا تَأْثِيمًا (25) إِلَّا قِيلًا سَلَامًا سَلَامًا (26)

इन आयतों का अनुवाद हैः

और जिस क़िस्म के मेवे पसन्द करें [56:20] और जिस क़िस्म के परिन्दे का गोश्त उनका जी चाहे (सब मौजूद है) [56:21]  और बड़ी बड़ी ऑंखों वाली हूरें [56:22] जैसे सीप के भीतर एहतेयात से रखे हुए मोती [56:23] ये बदला है उनके (नेक) आमाल का[56:24]  वहाँ न तो बेहूदा बात सुनेंगे और न गुनाह की बात [56:25] बस उनका कलाम सलाम ही सलाम होगा। [56:26]

पिछले कार्यक्रम में हमने कहा था कि क़यामत के दिन लोग तीन समूहों में बँटे होंगे: मुक़र्रब (अल्लाह के निकटवर्ती), सआदतमंद यानी भाग्यशाली और शक़ावत मंद यानी अभागे)। उस कार्यक्रम में हमने अल्लाह की उन नेमतों का ज़िक्र किया था जो मुक़र्रब लोगों को प्राप्त होंगी। ये आयतें आगे बताती हैं कि जन्नत वालों के लिए शारीरिक सुखों की कोई सीमा नहीं होगी और जो कुछ वे चाहेंगे, बिना किसी रोक-टोक के उन्हें मिलेगा। खाने-पीने के मामले में, हर तरह के फल और जानवरों के मांस, खासकर पक्षियों का जो स्वादिष्ट मांस होता है, उनके लिए उपलब्ध होगा। 

यौन सुख के बारे में, अल्लाह उनके लिए सबसे खूबसूरत पत्नियाँ तैयार करेगा जो पवित्रता में सीप में छुपे मोती की तरह होंगी और जिन तक किसी और की पहुँच नहीं होगी। वे उनके साथ रहकर पूरा आनंद लेंगे। 

दुनिया में मौज-मस्ती और आनंद लेने की सभाओं की ख़ासियत यह होती है कि वे आम तौर पर गुनाह, बेकार की बातों और अशोभनीय बातचीत से भरी होती हैं। लेकिन जन्नत की शानदार सभाओं में, जन्नत वाले सिर्फ़ अच्छे, सुंदर और प्रेम भरे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। उनकी आपस में बातचीत उनके सुकून और आपसी प्यार को और बढ़ाएगी। 

इन आयतों से हम सीखते हैं

जन्नत में नेक लोगों की ख़ुशी और कामयाबी के सारे साधन मौजूद होंगे। वे दुनिया में अपने अच्छे काम, मेहनत और पवित्र इरादों के अनुसार जन्नत की नेमतों का लुत्फ़ उठाएँगे। 

जन्नत की औरतें ख़ूबसूरत होने के साथ-साथ पाक-दामन और हिजाब वाली होंगी, जिन्होंने अपनी ख़ूबसूरती को गैर-महरमों या अजनबियों से छुपाया होगा। 

जन्नत सलामती और शांति का घर है। वहाँ दूसरों को तकलीफ़ देने का कोई सामान नहीं होगा, और जन्नत वाले सिर्फ़ अच्छी बातें ही बोलेंगे। 

अब हम सूरह वाक़ेआ की आयत नंबर 27 से 40 तक की तिलावत सुनेंगे,

وَأَصْحَابُ الْيَمِينِ مَا أَصْحَابُ الْيَمِينِ (27) فِي سِدْرٍ مَخْضُودٍ (28) وَطَلْحٍ مَنْضُودٍ (29) وَظِلٍّ مَمْدُودٍ (30) وَمَاءٍ مَسْكُوبٍ (31) وَفَاكِهَةٍ كَثِيرَةٍ (32) لَا مَقْطُوعَةٍ وَلَا مَمْنُوعَةٍ (33) وَفُرُشٍ مَرْفُوعَةٍ (34) إِنَّا أَنْشَأْنَاهُنَّ إِنْشَاءً (35) فَجَعَلْنَاهُنَّ أَبْكَارًا (36) عُرُبًا أَتْرَابًا (37) لِأَصْحَابِ الْيَمِينِ (38) ثُلَّةٌ مِنَ الْأَوَّلِينَ (39) وَثُلَّةٌ مِنَ الْآَخِرِينَ (40)

इन आयतों का अनुवाद हैः

और दाहिने हाथ वाले (वाह) दाहिने हाथ वाले तो भाग्यशाली हैं [56:27] बग़ैर काँटे की बेरो [56:28] और लदे गुथे हुए केलों [56:29] और लम्बी लम्बी छाँव [56:30]  और झरनो के पानी [56:31]  और ढेरों  मेवो में होंगें  [56:32]   जो न कभी ख़त्म होंगे और न उनकी कोई रोक टोक  होगी। [56:33]  और ऊँचे ऊँचे (नरम गद्दो के) फ़र्शों में (मज़े करते) होंगे  [56:34]  और महान पत्नियां मिलेंगी जिनको हमने ख़ास अंदाज़ से  पैदा किया है। [56:35]   तो हमने उन्हें कुँवारियाँ बनाया  [56:36] और प्यारी प्यारी हमजोलियाँ  [56:37]  यह सब दाहिने हाथ (में नामए आमाल लेने) वालों के वास्ते है।  [56:38]   (इनमें) बहुत से तो अगले लोगों में से हैं [56:39] और बहुत से पिछले लोगों में से[56:40]

मुक़र्रबीन यानी अल्लाह के निकटवर्ती लोगों के बाद, जो जन्नत के सबसे ऊँचे दर्जों में होंगे, "असहाब-ए-यमीन" यानी दाएँ हाथ वाले हैं। क़ुरआन की दूसरी आयतों के अनुसार, ये वो लोग हैं जिन्हें उनके अमलनामे दाएँ हाथ में दिए जाएँगे, और यह क़यामत में उनकी कामयाबी की निशानी है। यह समूह भी अपने स्तर के अनुसार जन्नत के तरह-तरह के सुखों और खुशियों का लुत्फ़ उठाएगा। 

जन्नत में कई तरह के पेड़-पौधे और दरख़्त होंगे, जिनके फल वे खाएँगे और उनकी छाँव का आनंद लेंगे। इन पेड़ों में काँटे नहीं होंगे जो उन्हें तकलीफ़ दें। इन घने और जंगल जैसे दरख़्तों के बीच, झरने और बहते हुए चश्मे होंगे जो उन बाग़ों की ख़ूबसूरती, ताज़गी और नर्मी को और बढ़ाएँगे, और वहाँ तरह-तरह के फल और फ़सलें पैदा होंगी। 

क़यामत में दुनिया का पारिवारिक ढाँचा ख़त्म हो जाएगा, और पति-पत्नी, माँ-बाप और बच्चों के रिश्ते टूट जाएँगे। लोग नाते-रिश्तों से दूर, अलग-अलग होंगे। इसलिए, अल्लाह जन्नत वालों के लिए बेहद ख़ूबसूरत और कमाल की पत्नियाँ पैदा करेगा, जो उनकी साथी और दोस्त होंगी और उनकी ज़रूरतों को पूरा करेंगी। 

इन आयतों से हम सीखते हैं

दुनिया की नेमतों में आम तौर पर कुछ न कुछ कमी या नुक़सान होता है, लेकिन जन्नत की नेमतों में कोई कसर नहीं होगी। वहाँ नेमतें बेहद ज़्यादा, हमेशा रहने वाली और आसानी से मिलने वाली होंगी, और उन पर न कोई समय की पाबंदी होगी न जगह की। 

दुनिया में शादी के रिश्ते में कभी-कभी दिक्क़तें आती हैं, और कई बार तलाक़ या अलगाव तक नौबत आ जाती है। लेकिन जन्नत में पति-पत्नी हर लिहाज से एक-दूसरे के मुताबिक़ होंगे। वे एक-दूसरे से प्यार करेंगे, और उनके बीच कभी झगड़ा, मनमुटाव या दूरियाँ नहीं आएँगी। 

कामयाबी सिर्फ़ पहले के लोगों (जिन्होंने पैग़म्बरों और इमामों को देखा) के लिए ही नहीं है। हर ज़माने में इंसान के लिए नेक बनने और कामयाब होने का रास्ता खुला रहा है, और आज और आने वाले कल में भी यह रास्ता मौजूद रहेगा।