Apr ०८, २०१७ ११:०४ Asia/Kolkata

इस्फ़हान प्रांत, विभिन्न ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक आकर्षणों के साथ ईरान के केंद्रीय प्रांतों में से एक है।

इस प्रांत का केंद्र इस्फ़हान नगर, तेहरान, और मशहद के बाद ईरान का तीसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है जिसमें पर्यटन संबंधी अनेक आकर्षण हैं। यह शहर पश्चिमी ईरान के उत्तरी, दक्षिणी व पूर्वी चौराहे पर स्थित है और इतिहास में विभिन्न जातियों व संस्कृतियों के आने-जाने का स्थान रहा है। यह व्यापक क्षेत्र उत्तरी व पूर्वी भाग से कवीर और पश्चिमी व दक्षिणी ओर से ज़ागरुस की पहाड़ियों से मिलता है। ज़ागरुस की पहाड़ियों से निकलने और ज़ायंदे रूद नदी को अस्तित्व प्रदान करने वाली नदियों ने इस शहर के बसने में अहम भूमिका निभाई है और ज़ायंदे रूद नदी के दोनों ओर सुंदर नगर इस्फ़हान के बसने का कारण बनी हैं।

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वर्ष 2005 में इस्फ़हान नगर को इस्लामी देशों की पहली सांस्कृतिक राजधानी के रूप में चुना गया। इस चयन ने इस्फ़हान को पहले से अधिक इस्लामी देशों व संसार में मशहूर कर दिया और बड़ी संख्या में पर्यटक इस्फ़हान की ओर आकृष्ट हुए हैं। यह नगर हस्तकला उद्योग की दृष्टि से ईरान का सबसे अहम शहर समझा जाता है। क़लम कारी, ख़ातम कारी, तेरमे इत्यादि इन हस्तकला उद्योगों के नमूने हैं। चेहल सुतून महल, नक़्शे जहान स्क्वायर, क़ैसरिया बाज़ार, आली क़ापू की इमारत, मस्जिदे इमाम, जामा मस्जिद, हश्त बहिश्त महल, पुले ख़ाजू, सी व से (33) पुल, वांक चर्च व संग्रहालय और अग्निकुंड, इस्फ़हान के ऐतिहासिक, धार्मिक व सांस्कृतिक अवशेषों में शामिल हैं।

इन पुरातन अवशेषों के साथ ही इस्फ़हान में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक आकर्षण भी पाए जाते हैं जिनमें मरंजाब का मरुस्थल, समीरुम का झरना, शाहे लौलाक का झरना, नियासर की गुफा, कुलाह क़ाज़ी का राष्ट्रीय उद्यान इत्यादि उल्लेखनीय हैं। गावे ख़ूनी नामक तालाब या वैटलैंड भी इस क्षेत्र के प्राकृतिक आकर्षणों में से एक है। गावे ख़ूनी तालाब रामसर कन्वेंशन में पंजीकृत होने वाले ईरान के 24 अंतर्राष्ट्रीय तालाबों में से एक है। यह तालाब, इस्फ़हान से 176 किलो मीटर दक्षिण पूर्व में और वरज़ने शहर से 12 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यह तालाब, 47600 हेक्टेयर पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 1470 मीटर है।

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गावे ख़ूनी तालाब एक कम गहरी और खारी बड़ी नमक की झील है जो वास्तव में फ़्लड प्लेन (flood plain) के रूप में काम करती है। फ़्लड प्लेन उस मैदान को कहते हैं जो नदी से सटा होता है और उसकी तलछट, मिट्टी इत्यादि से मिल कर बनता है। इसे तैरता मैदान भी कहा जा सकता है। ईरान की केंद्रीय पठार के पश्चिमी किनारे से झील में पहुंचने वाली ज़ायंदे रूद नदी इस तालाब के मुख्य स्रोतों में से एक है। गावे ख़ूनी तालाब मीठे व खारे पानी के अनेक तालाबों से मिल कर बना है और ईरान की केंद्रीय पठार के सबसे दुर्लभ तालाबों में से एक है जो ईरान में एको सिस्टम और पशु-पक्षियों के रहने के स्थानों की विविधता की दृष्टि से बेजोड़ समझा जाता है।

गावे ख़ूनी तालाब या वैटलैंड, थल के भीतर पाए जाने वाले तालाबों में से है। इस तालाब में औसतन 50 से 100 मिली मीटर बारिश होती है। इस क्षेत्र का तापमान अधिकतम 38.3 और न्यूनतम शून्य से नीचे 6.4 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। तालाब के बीच में एक गहरा भाग है जो तालाब का मुख्य स्रोत है। इस वेटलैंड के आस-पास की मिट्टी सैम्पी स्वाइल (Swampy soil) या दलदली मिट्टी है। दलदली मिट्टी अत्यंत आर्द्र होती है जो कम गहरे और ठहरे हुए पानी के निकट अस्तित्व में आती है। दलदली मिट्टी प्रायः सड़-गल चुकी वनस्पतियों और पेड़-पौधों से बनती है।

गावे ख़ूनी तालाब के आस-पास की ज़मीन का बड़ा भाग, बंजर ज़मीनों पर आधारित है और केवल उसके कुछ पश्चिमोत्तरी भाग में ही कृषि योग्य ज़मीन है। इस वेटलैंड में पानी में रहने वाले विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी और पानी में उगने वाली वनस्पतियां पाई जाती हैं। तालाब के किनारे तरह-तरह की झाड़ियों और पेड़-पौधों से ढंके हुए हैं और तालाब के एक बड़े भाग में भी पानी में उगने वाली वनस्पतियों को देखा जा सकता है। पानी के खारे होने और अधिक मात्रा में भाप बनने के कारण, इस क्षेत्र की मिट्टी खारी है और यहां की अधिकतर वनस्पतियां, खारी मिट्टी में उगने और पलने-बढ़ने वाली हैं। गावे ख़ूनी तालाब में इसी तरह पानी पर तैरने वाली और पानी के भीतर उगने वाली विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं।

गावे ख़ूनी तालाब या वैटलैंड, पानी के भीतर और पानी के किनारे रहने वाले पक्षियों के लिए एक अत्यंत अहम ठिकाना है। इस तालाब में विभिन्न प्रकार के स्तनधारी पशु, पक्षी, रेंगने वाले जानवर, जल और थल दोनों में रहने वाले पशु और मछलियां जीवन बिताती हैं। अब तक इस तालाब में रहने वाले पक्षियों की 44 प्रकार की प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है जिनमें से केवल 2 स्थानीय हैं और बाक़ी सब आप्रवासी हैं। गावे ख़ूनी तालाब में भेड़िए, लोमड़ियां, सियार और जंगली सुअर जैसे प्राणी रहते हैं जबकि विभिन्न प्रकार की मछलियां भी इस वैटलैंड में पाई जाती हैं।

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गावे ख़ूनी तालाब सन 1976 में रामसर कन्वेंशन के तालाबों की सूचि में पंजीकृत हुआ। इसी तरह पक्षी जीवन की अंतर्राष्ट्रीय संस्था बर्ड लाइफ़ इंटरनैश्नल (BirdLife International) ने भी इस तालाब को पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र घोषित किया है। यह तालाब का संचालन शिकार वर्जित क्षेत्र के रूप में किया जाता है और केवल साल के कुछ निर्धारित दिनों में पर्यावरण की संस्था की ओर से जारी किए जाने वाले लाइसेंस के आधार पर स्थानीय लोग शिकार करते हैं।

गावे ख़ूनी तालाब विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों, मछलियों और पशु-पक्षियों का सुरक्षित ठिकाना होने के साथ ही एक मनोरंजन स्थल के रूप में भी जाना जाता है। इसके आस-पास की चरागाहों में पालतू जानवरों को चराना, सीमित रूप में पक्षियों और मछलियों का शिकार, तालाब के किनारे उगी हुई वनस्पतियों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए तोड़ना इस वैटलैंड से लाभ उठाने के कुछ महत्वपूर्ण मार्ग हैं। गावे ख़ूनी तालाब इस्फ़हान प्रांत के एक बेजोड़ प्राकृतिक आकर्षण के रूप में स्वर्ग के एक टुकड़े की तरह है जो मरुस्थल में मौजूद है। यह तालाब, मरुस्थल में प्रवेश के स्थान पर, जल और थल के संगम पर स्थित है। यह तालाब अपने सुंदर दृश्यों, उत्तरी भाग में हरे-भरे जंगल और दुर्लभ पक्षियों की सामूहिक उड़ान के साथ एक छोटी सी यात्रा का रोचक अवसर उपलब्ध कराता है।

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अगर आप इस वैटलैंड की यात्रा करें तो आप भेड़िए, लोमड़ी और जंगली सुअर जैसे विभिन्न जानवरों को देखेंगे जो इसमें जीवन बिता रहे हैं। इसी तरह आप अपनी सूचि में फ़्लेमिंगो और हंस जैसे पक्षियों की भी वृद्धि करें और देखें कि गावे ख़ूनी तालाब किस प्रकार मरुस्थल में एक ज़िंदा दिल की तरह धड़क रहा है। इस तालाब के किनारे मनमोहक प्रकृति से आनंदित होने के साथ ही आप क्षेत्र के पर्यटन आकर्षणों को भी देख सकते हैं। वरज़ने शहर की यात्रा और ज़ायंदे रूद नदी पर बने इस शहर के पुराने पुल, कबूतर ख़ानों, जामा मस्जिद, शाख़ किनार के क्षेत्र, रबाते अब्बासी कारवां सराए और प्राचीन सलाजूक़ा दुर्ग इत्यादि का दर्शन आपके मन को मोह लेगा।

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गावे ख़ूनी तालाब की सैर का सबसे अच्छा समय, वसंत ऋतु के आरंभ में होता है जब जलवायु संतुलित होती है। पतझड़ और शीत ऋतु के आरंभ में भी गावे ख़ूनी तालाब की सैर सुखद होती है। विशेष कर इस लिए कि देश के उत्तरी क्षेत्रों में मौसम ठंडा होने के साथ ही हज़ारों आप्रवासी पक्षियों का गावे ख़ूनी तालाब की ओर आगमन शुरू हो जाता है और आप अपनी आयु के सबसे सुंदर दृश्यों में से एक को देख सकते हैं।

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