Aug ०६, २०१८ १५:२५ Asia/Kolkata

मकड़ी ईश्वर की एक अन्य रहस्यमयी प्राणी है।

उदाहरण स्वरूप पवित्र क़ुरआन में सूरए अनकबूत या मकड़ी  के बारे मे में पूरा सूरा ही उतरा है।

ईश्वर सूरए अनकबूत की आयत संख्या 41 में कहता है कि और जिन लोगों ने ईश्वर को छोड़कर दूसरों को अभिभावक बना लिए हैं उनकी मिसाल मकड़ी जैसी है कि उसने घर को बना लिया किन्तु सब से कमज़ोर घर मकड़ी का घर होता है और यदि इन लोगों के पास ज्ञान समझदारी हो।

सूरए अनकबूत की आयत संख्या 41 में ईश्वर झूठे ख़ुदाओं की उपासना, ग़ैर ईश्वरीय मित्रों और नेताओं की दोस्ती और अनुसरण को मकड़ी के जाल की भांति बताया गया है जो सबसे कमज़ोर और बेकार घरों में से है क्योंकि न तो उसका ढांचा है और न ही दीवार, जो अपने मालिक को गर्मी और ठंडक से सुरक्षित रखे, यह इतना कमज़ोर होता है कि छोटी सी हवा से भी हिलने लगता है और उसके जाल एक दूसरे में फंस जाते हैं, इसीलिए अनेकेश्वरवादी को छिपने के लिए कोई जगह नहीं है।  

हर जानवर और प्राणी अपने लिए बिल या घोंसमला बनाता है किन्तु किसी का भी घर, मकड़ी के घर से कमज़ोर नहीं होता। हर घर में दीवार, छत और दरवाज़े होते हैं जो अपने मालिक को आपदाओं से सुरक्षित रखता है किन्तु मकड़ी के जाल में कुछ जालों के अलावा कुछ और नहीं होता, उसका घर सबसे कमज़ोर होता है, न इसमें दीवार होती है, न छत होता है और न ही दरवाज़ा होता है। इसके अतिरिक्त इसका मसला भी बहुत कमज़ोर होता है जो किसी भी दुर्घटना या आपदा के सामने टिक सके। यदि हलकी सी हवा चलती है तो जाला टूट फूट जाता है, उसके जाले एक दूसरे में मिल जाते हैं और गुथ जाते, यदि पानी की कई बूंद बरस जाएं जो मकड़ी के जाल का बुरा हाल होता है। मकड़ी जब अपने पंजों से जाला बनाने वाला पदार्थ निकालती है जो उससे जाला बनता है और उसी जाले से वह अपना घर बनाती है। मकड़ी का हर जाला लगभग सात मैक्रोन अर्थात एक हज़ार का सातवां मिली मीटर चौड़ा होता है अर्थात यदि मकड़ी के 150 जालों को जमा किया जाए तो एक मिलीमीटर चौड़ाई होगी,  यह ईश्वर की एक अन्य निशानी है जो ईश्वर की महानता और उसके वैभव को दर्शाती है।

मकड़ी का जाला, दूसरे जानवरों और प्राणियों व कीड़े मकोड़ों से बहुत ही कमज़ोर होता है। जो लोग ईश्वर के अतिरिक्त किसी दूसरे पर भरोसा करते हैं या उसको अपना ईश्वर मानते हैं वास्तव में वह मकड़ी के जाले की भांति सबसे कमज़ोर चीज़ पर भरोसा करते हैं, वे जिस पर भरोसा कर रहे हैं वह कमज़ोर है, अविश्वसनीय है, घटना और दुर्घटनाओं के सामने अस्थाई है किन्तु जो लोग ईश्वर पर भरोसा करते हैं और उसका सहारा लेते हैं उन्होंने मजब़ूत भरोसे का चयन किया है। (AK)

 

 

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