क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-687
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-687
إِنِّي وَجَدْتُ امْرَأَةً تَمْلِكُهُمْ وَأُوتِيَتْ مِنْ كُلِّ شَيْءٍ وَلَهَا عَرْشٌ عَظِيمٌ (23) وَجَدْتُهَا وَقَوْمَهَا يَسْجُدُونَ لِلشَّمْسِ مِنْ دُونِ اللَّهِ وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ أَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِيلِ فَهُمْ لَا يَهْتَدُونَ (24)
(हुदहुद ने कहा) मैंने (सबा के क्षेत्र में) एक स्त्री को लोगों पर शासन करते पाया है। उसे हर चीज़ प्रदान की गई है और उसका एक बड़ा सिंहासन है। (27:23) मैंने उसे और उसकी जाति के लोगों को अल्लाह को छोड़ सूर्य को सजदा करते हुए पाया। शैतान ने उनके कर्मों को उनके लिए शोभानीय बना दिया है और उन्हें (सही) मार्ग से रोक दिया है तो वे सीधा मार्ग नहीं पा रहे हैं। (27:24)
أَلَّا يَسْجُدُوا لِلَّهِ الَّذِي يُخْرِجُ الْخَبْءَ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَيَعْلَمُ مَا تُخْفُونَ وَمَا تُعْلِنُونَ (25) اللَّهُ لَا إِلَهَ إِلَّا هُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِيمِ (26)
(शैतान ने उन्हें इस प्रकार बहका रखा है) ताकि वे अल्लाह को सजदा न करें जो आकाशों और धरती की छिपी चीज़ें बाहर निकालता है और जो कुछ तुम छिपाते हो और जो कुछ प्रकट करते हो उसे जानता है। (27:25) वही ईश्वर कि उसके अतिरिक्त कोई पूज्य नहीं (और) वह महान सिंहासन का पालनहार है। (27:26)
قَالَ سَنَنْظُرُ أَصَدَقْتَ أَمْ كُنْتَ مِنَ الْكَاذِبِينَ (27) اذْهَبْ بِكِتَابِي هَذَا فَأَلْقِهِ إِلَيْهِمْ ثُمَّ تَوَلَّ عَنْهُمْ فَانْظُرْ مَاذَا يَرْجِعُونَ (28)
(सुलैमान ने हुदहुद से) कहा, शीघ्र ही हम देख लेते हैं कि तूने सच कहा या तू झूठों में से है। (27:27) मेरा यह पत्र लेकर जा और इसे उन लोगों की ओर डाल दे। फिर उनके पास से हट जा और देख कि वे क्या उत्तर देते हैं। (27:28)