Oct ०३, २०१८ १५:२४ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-693

 

فَأَنْجَيْنَاهُ وَأَهْلَهُ إِلَّا امْرَأَتَهُ قَدَّرْنَاهَا مِنَ الْغَابِرِينَ (57) وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِمْ مَطَرًا فَسَاءَ مَطَرُ الْمُنْذَرِينَ (58)
 

तो हमने लूत और उनके परिजनों को बचा लिया सिवाय उनकी पत्नी के जिसके लिए हमने निर्धारित कर दिया था कि वह पीछे रह जाने (और तबाह होने) वालों में से होगी। (27:57) और हमने उन पर (पत्थरों की) एक वर्षों की (जिससे वे सब पत्थरों के नीचे दफ़्न हो गए) तो क्या ही बुरी बारिश थी उन लोगों के लिए जिन्हें डराया (और सचेत किया) जा चुका था। (27:58)

 

قُلِ الْحَمْدُ لِلَّهِ وَسَلَامٌ عَلَى عِبَادِهِ الَّذِينَ اصْطَفَى آَللَّهُ خَيْرٌ أَمَّا يُشْرِكُونَ (59)

 

(हे पैग़म्बर!) कह दीजिए कि समस्त प्रशंसा ईश्वर के लिए है और सलाम है उसके उन बन्दों पर जिन्हें उसने चुन लिया। क्या ईश्वर बेहतर है या वह वस्तुयें जिन्हें वे (उसका) समकक्ष ठहरा रहे है? (27:59)

 

أَمَّنْ خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضَ وَأَنْزَلَ لَكُمْ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَأَنْبَتْنَا بِهِ حَدَائِقَ ذَاتَ بَهْجَةٍ مَا كَانَ لَكُمْ أَنْ تُنْبِتُوا شَجَرَهَا أَءلَهٌ مَعَ اللَّهِ بَلْ هُمْ قَوْمٌ يَعْدِلُونَ (60)

 

(जिन्हें तुम ईश्वर का समकक्ष ठहराते हो वे बहतर हैं) या वह जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया और तुम्हारे लिए आकाश से पानी बरसाया? जिसके द्वारा हमने हरे-भरे बाग़ उगाए, जिनके पेड़ उगाना तुम्हारे लिए सम्भव न था? क्या ईश्वर के साथ कोई और भी पूज्य है? (नहीं) बल्कि वे पथभ्रष्ठ लोग हैं। (27:60)

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