क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-696
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-696
وَلَا تَحْزَنْ عَلَيْهِمْ وَلَا تَكُ فِي ضَيْقٍ مِمَّا يَمْكُرُونَ (70) وَيَقُولُونَ مَتَى هَذَا الْوَعْدُ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ (71) قُلْ عَسَى أَنْ يَكُونَ رَدِفَ لَكُمْ بَعْضُ الَّذِي تَسْتَعْجِلُونَ (72)
(हे पैग़म्बर!) उन (के पथभ्रष्ट होने) पर शोकाकुल न हों और जो चाल वे चल रहे हैं, उस पर भी दुखी न हों। (27:70) और वे कहते हैं कि यदि तुम सच्चे हो तो यह (दंड का) वादा कब पूरा होगा? (27:71) कह दीजिए कि जिसकी तुम जल्दी मचा रहे हो संभव है कि उसका कोई भाग तुम्हारे पीछे ही लगा हो। (27:72)
وَإِنَّ رَبَّكَ لَذُو فَضْلٍ عَلَى النَّاسِ وَلَكِنَّ أَكْثَرَهُمْ لَا يَشْكُرُونَ (73) وَإِنَّ رَبَّكَ لَيَعْلَمُ مَا تُكِنُّ صُدُورُهُمْ وَمَا يُعْلِنُونَ (74) وَمَا مِنْ غَائِبَةٍ فِي السَّمَاءِ وَالْأَرْضِ إِلَّا فِي كِتَابٍ مُبِينٍ (75)
निश्चय ही आपका पालनहार लोगों पर दया व कृपा करने वाला है किन्तु उनमें से अधिकतर कृतज्ञ नहीं हैं। (27:73) और जो कुछ वे अपने सीनों में छिपाए हुए हैं और जो कुछ वे प्रकट करते हैं, उससे निश्चय ही आपका पालनहार भली-भाँति अवगत है। (27:74) और आकाश व धरती में छिपी कोई भी (बात) ऐसी नहीं जो (ईश्वर के निकट) एक स्पष्ट किताब में मौजूद न हो। (27:75)