क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-702
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-702
وَنُرِيدُ أَنْ نَمُنَّ عَلَى الَّذِينَ اسْتُضْعِفُوا فِي الْأَرْضِ وَنَجْعَلَهُمْ أَئِمَّةً وَنَجْعَلَهُمُ الْوَارِثِينَ (5) وَنُمَكِّنَ لَهُمْ فِي الْأَرْضِ وَنُرِيَ فِرْعَوْنَ وَهَامَانَ وَجُنُودَهُمَا مِنْهُمْ مَا كَانُوا يَحْذَرُونَ (6)
और हमारा यही इरादा है कि उन लोगों पर उपकार करें, जिन्हें धरती में कमज़ोर बना दिया गया था और उन्हें (लोगों का) अगुवा बनाएँ और उन्हीं को (धरती का) उत्तराधिकारी बनाएँ। (28:5) और उन्हें धरती में सत्ता प्रदान करें और फ़िरऔन व हामान और उनकी सेनाओं को उनकी ओर से वह दिखाएँ जिसकी उन्हें आशंका थी। (28:6)
وَأَوْحَيْنَا إِلَى أُمِّ مُوسَى أَنْ أَرْضِعِيهِ فَإِذَا خِفْتِ عَلَيْهِ فَأَلْقِيهِ فِي الْيَمِّ وَلَا تَخَافِي وَلَا تَحْزَنِي إِنَّا رَادُّوهُ إِلَيْكِ وَجَاعِلُوهُ مِنَ الْمُرْسَلِينَ (7) فَالْتَقَطَهُ آَلُ فِرْعَوْنَ لِيَكُونَ لَهُمْ عَدُوًّا وَحَزَنًا إِنَّ فِرْعَوْنَ وَهَامَانَ وَجُنُودَهُمَا كَانُوا خَاطِئِينَ (8)
और हमने मूसा की माँ की और अपना विशेष संदेश भेजा कि उसे दूध पिलाओ, फिर जब तुम्हें (फ़िरऔन की ओर से) उसके बारे में भय हो तो उसे (एक संदूक़ में रख कर) समुद्र में डाल दो और (इस आदेश से) न तो डरो और न (उसके बिछड़ने से) शोकाकुल हो कि हम उसे तुम्हारे पास लौटा देंगे और उसे पैग़म्बरों में शामिल करेंगे। (28:7) अन्ततः फ़िरऔन के लोगों ने उसे (पानी से) उठा लिया ताकि (मूसा) उनके शत्रु और उनके लिए दुख (का कारण) बनें। निश्चय ही फ़िरऔन व हामान और उनकी सेनाएं सब ग़लती करने वाले थे। (28:8)