Jan ०१, २०१९ १४:५५ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-718

 

إِنَّ قَارُونَ كَانَ مِنْ قَوْمِ مُوسَى فَبَغَى عَلَيْهِمْ وَآَتَيْنَاهُ مِنَ الْكُنُوزِ مَا إِنَّ مَفَاتِحَهُ لَتَنُوءُ بِالْعُصْبَةِ أُولِي الْقُوَّةِ إِذْ قَالَ لَهُ قَوْمُهُ لَا تَفْرَحْ إِنَّ اللَّهَ لَا يُحِبُّ الْفَرِحِينَ (76)

 

निश्चय ही क़ारून मूसा की जाति में से था, फिर उसने उनके विरुद्ध सिर उठाया और हमने उसे इतने ख़जाने दे रखे थे कि उनकी कुंजियाँ उठाना एक शक्तिशाली दल के लिए (भी) भारी था। (हे पैग़म्बर! याद कीजिए उस समय को) जब उससे उसकी जाति के लोगों ने कहा घमंड से ख़ुश मत हो कि ईश्वर इतराने वालों के पसन्द नहीं करता। (28:76)

 

وَابْتَغِ فِيمَا آَتَاكَ اللَّهُ الدَّارَ الْآَخِرَةَ وَلَا تَنْسَ نَصِيبَكَ مِنَ الدُّنْيَا وَأَحْسِنْ كَمَا أَحْسَنَ اللَّهُ إِلَيْكَ وَلَا تَبْغِ الْفَسَادَ فِي الْأَرْضِ إِنَّ اللَّهَ لَا يُحِبُّ الْمُفْسِدِينَ (77)

 

और जो कुछ ईश्वर ने तुम्हें दिया है, उसमें से प्रलय के घर के निर्माण की कोशिश करो और दुनिया में से अपने हिस्से को न भूलो और (लोगों के साथ) भलाई करो जैसा कि ईश्वर ने तुम्हारे साथ भलाई की है। और धरती का बिगाड़ पैदा करने की कोशिश में न रहो कि निश्चय ही ईश्वर बिगाड़ पैदा करने वालों को पसन्द नहीं करता। (28:77)

 

قَالَ إِنَّمَا أُوتِيتُهُ عَلَى عِلْمٍ عِنْدِي أَوَلَمْ يَعْلَمْ أَنَّ اللَّهَ قَدْ أَهْلَكَ مِنْ قَبْلِهِ مِنَ الْقُرُونِ مَنْ هُوَ أَشَدُّ مِنْهُ قُوَّةً وَأَكْثَرُ جَمْعًا وَلَا يُسْأَلُ عَنْ ذُنُوبِهِمُ الْمُجْرِمُونَ (78)

 

क़ारून ने कहा कि यह (माल) मुझे अपने उस ज्ञान के कारण दिया गया है जो मेरे पास है। क्या उसने यह नहीं पता था कि ईश्वर उससे पहले कितनी ही ऐसी जातियों को तबाह कर चुका है जो उससे अधिक शक्तिशाली और माल एकत्रित करने में उससे बढ़ कर थीं? और (क्या उसे पता नहीं था कि) अपराधियों से तो (उनकी तबाही के समय) उनके पापों के विषय में पूछा भी नहीं जाता। (28:78)

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