क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-726
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-726
فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهِ إِلَّا أَنْ قَالُوا اقْتُلُوهُ أَوْ حَرِّقُوهُ فَأَنْجَاهُ اللَّهُ مِنَ النَّارِ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ (24)
तो उनकी जाति (के लोगों) का उत्तर इसके अतिरिक्त कुछ न था कि उन्होंने कहा कि इन्हें मार डालो या जला दो परंतु ईश्वर ने उन्हें आग से बचा लिया। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं जो ईमान लाएँ। (29:24)
وَقَالَ إِنَّمَا اتَّخَذْتُمْ مِنْ دُونِ اللَّهِ أَوْثَانًا مَوَدَّةَ بَيْنِكُمْ فِي الْحَيَاةِ الدُّنْيَا ثُمَّ يَوْمَ الْقِيَامَةِ يَكْفُرُ بَعْضُكُمْ بِبَعْضٍ وَيَلْعَنُ بَعْضُكُمْ بَعْضًا وَمَأْوَاكُمُ النَّارُ وَمَا لَكُمْ مِنْ نَاصِرِينَ (25)
और इब्राहीम ने कहाः निश्चित रूप से (तुम अनेकेश्वरवादियों ने) ईश्वर के स्थान पर कुछ मूर्तियों को पकड़ रखा है जो सांसारिक जीवन में तुम्हारे बीच प्रेम का कारण है लेकिन प्रलय के दिन तुम में से कुछ, कुछ दूसरों का इन्कार कर देंगे और तुम में से कुछ, दूसरों पर धिक्कार करेंगे। और तुम्हारा निश्चित ठिकाना आग है और तुम्हारा कोई सहायक न होगा। (29:25)
فَآَمَنَ لَهُ لُوطٌ وَقَالَ إِنِّي مُهَاجِرٌ إِلَى رَبِّي إِنَّهُ هُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ (26)
फिर लूत उन पर ईमान ले आए और इब्राहीम ने कहा कि निःसंदेह मैं अपने पालनहार की ओर पलायन करने वाला हूँ कि निश्चय ही वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली (व) तत्वदर्शी है। (29:26)