Jun १५, २०१९ १६:२६ Asia/Kolkata

शरीर की देखभाल का सबसे महत्वपूर्ण तत्व समय पर और व्यवस्थित खानपान और आहार है।

जो लोग व्यवस्थित खानपान के किसी एक आदर्श का अनुसरण करते हैं वह स्वास्थ्य की अनुकंपाओं से अधिक लाभान्वित होते हैं।

अपनी देख-भाल , स्वास्थ्य के मार्ग पर पहला क़दम है। इसका अर्थ यह है कि हम यह सीखें कि हम स्वयं अपनी देख-भाल किस तरह कर सकते हैं और सुव्यवस्थित व्यायाम और मानसिक तैयारी के साथ अपने जीवन स्तर को किस तरह ऊंचा उठाएं। वास्तव में अपनी देख-भाल आप हमारी दिनचर्या का एक भाग है और यह विशेष देखभाल का विकल्प नहीं बल्कि उसका पूरक है। दांत साफ़ करना, घर में हल्का फुल्का व्यायाम करना, सर्दी-ज़ुकाम होने पर दवा खाना, ये सब अपनी देख-भाल का ही भाग हैं।

हमने बताया था कि शरीर की ऊर्जा को पुनः एकत्रित करके, स्ट्रेस और दबाव को कम करके तथा अपनी देखभाल अधिक करके अधिक से अधिक शांति और सुख प्राप्त किया जा सकता है और इससे मनुष्य को जीवन के प्रति सकारात्मकता का अभास होता है। अपनी देखभाल करके मनुष्य अधिक से अधिक स्वस्थ और प्रफुल्लित हो सकता है और उसमें अपने दायित्वों के निर्वाह और अपने काम अंजाम देने की अधिक से अधिक शक्ति पैदा होती है।

दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि अपनी देखभाल का मतलब ही जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। मनुष्य अपने अस्तिव के मूल्य को भलिभांति समझता है और वह जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यवस्थित कार्यक्रम को चुनने पर विवश हो जाता है। ऐसा कार्यक्रम जो अपनी देखभाल द्वारा आत्मा और शरीर को स्वस्थ रख सकता है।

अपनी देख-भाल आप की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि लोग स्वास्थ्य संबंधी देख-भाल से सही ढंग से लाभ उठाने के लिए सही फ़ैसला करते हैं और व्यक्तिगत रूप से अपनी देख-भाल के उचित तरीक़े का चयन करके उस पर अमल करते हैं। अलबत्ता यह फ़ैसला दूसरों से परामर्श और विशेषज्ञों व अन्य लोगों की राय के आधार पर भी हो सकता है। इसी तरह अपनी देख-भाल आप का मतलब यह नहीं है कि हम केवल अपनी देख-भाल करें बल्कि इसमें संतान, पड़ोसी, मुहल्ले वाले, शहर वाले, साथ में काम करने वाले, मित्र यहां तक कि पर्यावरण भी शामिल है।

यह साबित हो चुका है कि आत्मा और शरीर का एक दूसरे पर बहुत अधिक प्रभाव होता है और मानसिक रोग सीधे रूप से शरीर को प्रभावित करते हैं।  आज अध्ययनों से यह सिद्ध हो चुका है कि धमनियों के रोग, दिमागी बीमारियां , सिर दर्द, अल्सर, ह्रदय रोग , अमाशय , फेफड़ों  में समस्या, चर्च रोग जैसी बहुत सी बीमारियों में स्थाई रूप से मानसिक तनाव और अवसाद आदि की बड़ी भूमिका होती है।

शायद आपने यह मुहावरा सुना होगा कि तंदुरुस्ती हज़ार नेअमत है या यह भी सुना होगा कि स्वास्थ्य, स्वस्थ इंसान के सिर का मुकुट या जिसे केवल बीमार लोग ही देखते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपके सिर पर यह मुकुट सजा रहे और आप हमेशा स्वस्थ रहें तो आपको अपने शरीर की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा।  हज़रत अली अलैहिस्सलाम का वह कथन कभी नहीं भूलना चाहिए कि स्वास्थ्य सबसे बड़ी अनुकंपा है। इसीलिए शरीर की रक्षा के लिए हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए।

हममें से सभी के अपने जीवन में बहुत से दायित्व होते हैं जिनके कारण हम अपनी देख-भाल को भूल जाते हैं जबकि उचित व सही अर्थ में अपनी देख-भाल, अच्छे जीवन का एहसास दिलाती है और हम स्वयं को जो अहमियत देते हैं उससे दूसरों को भी जाग सकता प्राप्त होती है। इस आधार पर अपनी देख-भाल आप का एक अहम तत्व, अपना ज्ञान बढ़ाना है। इसका अर्थ वह दक्षता हासिल करना है जो इस बात में हमारी मदद करती है कि हम अपने आपको, अपनी ज़रूरतों को, अपनी विशेषताओं को, अपनी कमज़ोरियों को, अपने मज़बूत बिंदुओं को, अपनी भावनाओं को और अपनी प्रवृत्ति को संपूर्ण ढंग से पहचान लें।

शरीर की देखभाल के संबंध में व्यायाम, स्वच्छ आहार, सोना, पर्याप्त विश्राम, दांतों की देखभाल और बीमारियों से पहले ही उनकी रोकथाम जैसे टीकाकरण, बीमारी के आरंभिक चरण में ही उसका उपचार और बीमारी के बाद बीमारी के प्रति होशियारी और बीमार का ख़्याल जैसे विषयों की ओर संकेत किया जा सकता है। यह सब विषय बहुत साधारण से दिखते हैं और खेद की बात यह है कि कभी कभी जीवन में पायी जाने वाली बहुत सी चिंताओं और परेशानियों के कारण निश्चेतना का शिकार हो जाते हैं । इस प्रकार से स्वासथ का विषय पूरी तरह से हाथ से निकल जाता है।

शरीर के स्वास्थ्य और उसकी देखभाल के लिए जो विषय सबसे महत्वपूर्ण है वह समय पर और व्यवस्थित खानपान है। जो व्यक्ति खाने पीने के लिए एक व्यवस्थित आदर्श का अनुसरण करते हैं वह बहुत ही कम दिल की बीमारी, शर्करा और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियों का शिकार होते।

खाना खाने के घंटों में व्यवस्था से स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार के लाभ होते हैं। इन लाभों में सबसे महत्वपूर्ण पूरे दिन के दौरान ऊर्जा की रक्षा करना है। समय पर खाना लेने से ख़ून में शर्करा को संतुलित रखा जा सकता है, भूख से पैदा होने वाले सिरदर्ज और घबराहत को दूर किया जा सकता है। इस काम के परिणाम में शरीर और अमाशय पर बहुत कम ही दबाव आता है जो शरीर के स्वास्थ्य में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

निर्धारित खाद्य कार्यक्रम रखना, अनावश्यक हर समय खाने से भी बचा जा सकता है।  जो लोग खाने का कार्यक्रम नहीं रखते या जब भी कुछ मिलता है उसे तुरंत मुंह में डाल लेंते तो वह कभी भी अपने आहार और खानों को व्यवस्थित नहीं कर सकते क्योंकि खाने के बारे में बहुत अधिक सोच विचार और चिंतन करना चाहिए। वह लोग जो देर से सोकर उठते हैं और नाश्ता नहीं करते, या वह लोग जो बहुत अधिक काम में व्यस्त होते या बड़ी योजना पर काम करते हैं, दोपहर का खाना ही भूल जाते हैं और जब भूख लगती है जो भी उन्हें सामने दिखता है, चाहे वह स्वस्थ्य हो या स्वस्थ्य न हो, खा लेते हैं।  वास्तव वह मोटापे का शिकार हो जाते हैं।  नाश्ता, स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है जो यदि नाश्ता न किया जाए तो वज़न तेज़ी से बढ़ने लगता है। वज़न को कम करने या कम रखने में नाश्ते की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।

यदि इंसान अपने आप से अवगत होता है ख़ुद को पहचानता है अपनी क्षमताओं और संभावनाओं के बारे में जागरुक है तो वह ऐसे लक्ष्यों को चुनता है जिन्हें वह अपनी इन क्षमताओं की मदद से हासिल कर सकता हो और ऐसा व्यक्ति काफ़ी संतुष्ट दिखाई पड़ता है। यदि हम अपनी क्षमताओ, कमियों और कमज़ोरियों से अवगत हैं तो यह भी तथ्य है कि हम अपना ज़्यादा बेहतर ढंग से ख़याल रख सकते हैं। आप जानते हैं कि कुछ लोग एसे भी होते हैं जिन्हें अपनी क्षमताओं और कमज़ोरियों की जानकारी नहीं होती अतः जब वह कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं या कोई योजना बनाते हैं तो अपनी वास्तविक क्षमताओं के अनुकूल नहीं बनाते बल्कि वह ऐसा लक्ष्य निर्धारित करते हैं जो उन्हें पसंद होता है यह समझे बग़ैर कि लक्ष्य प्राप्त करने की उनके पास क्षमता नहीं है। वह अपने आइडियल और आदर्श को अपनी दृश्टि में रख लेते हैं लेकिन क्षमताओं के अंतर के कारण वह कभी भी अपने इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते। जबकि जिन लोगों को अपनी क्षमता का ज्ञान होता है वह उसी के आधार पर योजना बनाते है या अगर उनके पास क्षमता की कमी होती है तो अपनी क्षमता बढ़ाने का प्रयास करते हैं उसके बाद लक्ष्य हासिल करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं। ऐसे इंसान अपने आदर्श लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं। यही नहीं वह दूसरों के लिए भी आदर्श बन जाते हैं।

नये शोध से पता चलता है कि संतुलित वज़न के लिए व्यवस्थित खाना बहुत ज़रूरी है। बहुत से लोग दोपहर का खाना नहीं खाते लेकिन रात का खाना डटकर खाते हैं तो यह भी सही नहीं है। कुछ लोग एक समय का खाना नहीं खाते ताकि वज़न को कम कर सकें किन्तु इससे न केवल वज़न कम नहीं होता बल्कि इससे मोटापे की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है। खानपान की आदत के बारे में फिन्लैंड के हेलेंस्की विश्वविद्यालय में होने वाले हालिया शोध में हैरान करने वाले परिणाम सामने आए हैं। यह शोध 24 साल के लोगों पर किया गया। इस शोध से पता चलता है कि महिला और पुरुष जिन्होंने कभी डाइट नहीं किन्तु व्यवस्थित खाना लेते हैं वह अपने वज़न को एक स्थान पर बाक़ी रखने में सफल होते हैं। इसी प्रकार वह लोग जो धूम्रपान करते हैं या बहुत अधिक मीठा पेय लेते हैं या जीवन से अधिक ख़ुश नहीं रहते, उनका वज़न बहुत तेज़ी से बढ़ता है।

एक निर्धारित समय पर खाना खाने के जहां बहुत से लाभ हैं वहीं यह बूढ़े और अधेड़ लोगों के पागलपन को रोकने में भी काफ़ी हद तक मददगार होता है।  आज दुनिया में एक करोड़ बीस लाख लोग dementia अर्थात जड़बुद्धिता का शिकार हैं। विश्व अलज़ायमर संस्था के शोधकर्ताओं का कहना है कि वर्ष 2050 तक अलज़ायमर के 13 करोड़ 15 लाख बीमार हो जाएंगे। शोध से पता चलता है कि जो व्यक्ति हर दिन एक निर्धारित समय पर खाना खाते हैं वह जड़बुद्धिता से सुरक्षित रहने के अलावा सोने गुणवत्ता और उनके दिल की सुरक्षा में वृद्धि होती है। (AK)

 

 

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