क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-759
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-759
وَقَالُوا أَئِذَا ضَلَلْنَا فِي الْأَرْضِ أَئِنَّا لَفِي خَلْقٍ جَدِيدٍ بَلْ هُمْ بِلِقَاءِ رَبِّهِمْ كَافِرُونَ (10) قُلْ يَتَوَفَّاكُمْ مَلَكُ الْمَوْتِ الَّذِي وُكِّلَ بِكُمْ ثُمَّ إِلَى رَبِّكُمْ تُرْجَعُونَ (11)
और उन्होंने कहा क्या जब हम (मरने के बाद) धरती में मिल जाएँगे तो फिर हमें एक नई सृष्टि प्राप्त होगी? नहीं, बल्कि वे अपने पालनहार से मिलने का इन्कार करने वाले हैं। (32:10) कह दीजिए कि मृत्यु का फ़रिश्ता, जिसे तुम पर नियुक्त किया गया है, तुम्हारी जान निकाल लेता है, फिर तुम अपने पालनहार की ओर लौटाए जाओगे। (32:11)
وَلَوْ تَرَى إِذِ الْمُجْرِمُونَ نَاكِسُو رُءُوسِهِمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ رَبَّنَا أَبْصَرْنَا وَسَمِعْنَا فَارْجِعْنَا نَعْمَلْ صَالِحًا إِنَّا مُوقِنُونَ (12)
और (हे पैग़म्बर!) काश आप अपराधियों को उस समय देखते जब वे अपने पालनहार के सामने अपने सिर झुकाए (हुए कह रहे) होंगे कि हे हमारे पालनहार! (तूने जो वादा किया था) हमने देख लिया और सुन लिया। तो अब हमें (दुनिया में) वापस भेज दे ताकि हम अच्छे कर्म करें। निःसंदेह अब हमें (प्रलय पर) विश्वास हो गया है। (32:12)
وَلَوْ شِئْنَا لَآَتَيْنَا كُلَّ نَفْسٍ هُدَاهَا وَلَكِنْ حَقَّ الْقَوْلُ مِنِّي لَأَمْلَأَنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ أَجْمَعِينَ (13) فَذُوقُوا بِمَا نَسِيتُمْ لِقَاءَ يَوْمِكُمْ هَذَا إِنَّا نَسِينَاكُمْ وَذُوقُوا عَذَابَ الْخُلْدِ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ (14)
और यदि हम चाहते तो (ज़बरदस्ती) हर एक का मार्गदर्शन कर देते (किन्तु हमने सभी को सत्य व असत्य के चयन के अधिकार के साथ पैदा किया है) परंतु मेरी बात सत्यापित हो चुकी है कि मैं नरक को (अपराधी) जिन्नों व मनुष्यों सबसे भरकर रहूँगा। (32:13) अतः तुमने आजकी मुलाक़ात को जो भुला दिया था उसके फलस्वरूप अब (दंड का) मज़ा चखो। हमने भी तुम्हें भुला दिया है और जो तुम करते रहे हो उसके बदले में स्थायी दंड का स्वाद चखो। (32:14)