क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-761
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-761
وَأَمَّا الَّذِينَ فَسَقُوا فَمَأْوَاهُمُ النَّارُ كُلَّمَا أَرَادُوا أَنْ يَخْرُجُوا مِنْهَا أُعِيدُوا فِيهَا وَقِيلَ لَهُمْ ذُوقُوا عَذَابَ النَّارِ الَّذِي كُنْتُمْ بِهِ تُكَذِّبُونَ (20) وَلَنُذِيقَنَّهُمْ مِنَ الْعَذَابِ الْأَدْنَى دُونَ الْعَذَابِ الْأَكْبَرِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُونَ (21)
और वे लोग जिन्होंने अवज्ञा की तो उनका ठिकाना आग है। जब भी वे उसमें से निकलना चाहेंगे तो उसी में लौटा दिए जाएँगे और उनसे कहा जाएगा कि उस आग के दंड का स्वाद चखो जिसे तुम सदैव झुठलाते रहे थे। (32:20) और हम अवश्य ही (प्रलय के) उस बड़े दंड से पहले उन्हें (इसी दुनिया में) छोटे दंड का मज़ा चखाएँगे कि शायद वे (सही मार्ग पर) लौट आएँ। (32:21)
وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّنْ ذُكِّرَ بِآَيَاتِ رَبِّهِ ثُمَّ أَعْرَضَ عَنْهَا إِنَّا مِنَ الْمُجْرِمِينَ مُنْتَقِمُونَ (22)
और उससे बड़ा अत्याचारी कौन होगा जिसे उसके पालनहार की आयतों के माध्यम से नसीहत की जाए (लेकिन) वह फिर भी उनसे मुँह मोड़ ले? निश्चय ही हम अपराधियों से बदला लेने वाले हैं। (32:22)
وَلَقَدْ آَتَيْنَا مُوسَى الْكِتَابَ فَلَا تَكُنْ فِي مِرْيَةٍ مِنْ لِقَائِهِ وَجَعَلْنَاهُ هُدًى لِبَنِي إِسْرَائِيلَ (23) وَجَعَلْنَا مِنْهُمْ أَئِمَّةً يَهْدُونَ بِأَمْرِنَا لَمَّا صَبَرُوا وَكَانُوا بِآَيَاتِنَا يُوقِنُونَ (24) إِنَّ رَبَّكَ هُوَ يَفْصِلُ بَيْنَهُمْ يَوْمَ الْقِيَامَةِ فِيمَا كَانُوا فِيهِ يَخْتَلِفُونَ (25)
और निश्चय ही हमने मूसा को (आसमानी) किताब प्रदान की थी अतः उससे मिलने (और ईश्वरीय आयतें प्राप्त करने) के बारे में आप किसी सन्देह में न रहें। और हमने (उस किताब को) बनी इस्राईल के लिए मार्गदर्शन बनाया था। (32:23) और हमने उनमें से ऐसे इमाम व नेता बनाए जो हमारे आदेश से मार्गदर्शन करते थे जब वे लोग संयम से काम लेते थे और हमारी आयतों पर विश्वास रखते थे। (32:24) निश्चय ही प्रलय के दिन आपका पालनहार उनके बीच उन बातों का फ़ैसला करेगा, जिनमें वे मतभेद करते रहे हैं। (32:25)