Feb २३, २०२० १७:४१ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-774

يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آَمَنُوا إِذَا نَكَحْتُمُ الْمُؤْمِنَاتِ ثُمَّ طَلَّقْتُمُوهُنَّ مِنْ قَبْلِ أَنْ تَمَسُّوهُنَّ فَمَا لَكُمْ عَلَيْهِنَّ مِنْ عِدَّةٍ تَعْتَدُّونَهَا فَمَتِّعُوهُنَّ وَسَرِّحُوهُنَّ سَرَاحًا جَمِيلًا (49)

हे ईमान वालो! जब तुम ईमान वाली महिलाओं से विवाह करो और फिर उन्हें हाथ लगाने से पहले तलाक़ दे दो तो तुम्हारी ओर से उन पर कोई इद्दत नहीं, जिसकी तुम मांग करो। अतः उन्हें कुछ माल दो और भले ढंग से विदा कर दो। (33:49)

 

يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ إِنَّا أَحْلَلْنَا لَكَ أَزْوَاجَكَ اللَّاتِي آَتَيْتَ أُجُورَهُنَّ وَمَا مَلَكَتْ يَمِينُكَ مِمَّا أَفَاءَ اللَّهُ عَلَيْكَ وَبَنَاتِ عَمِّكَ وَبَنَاتِ عَمَّاتِكَ وَبَنَاتِ خَالِكَ وَبَنَاتِ خَالَاتِكَ اللَّاتِي هَاجَرْنَ مَعَكَ وَامْرَأَةً مُؤْمِنَةً إِنْ وَهَبَتْ نَفْسَهَا لِلنَّبِيِّ إِنْ أَرَادَ النَّبِيُّ أَنْ يَسْتَنْكِحَهَا خَالِصَةً لَكَ مِنْ دُونِ الْمُؤْمِنِينَ قَدْ عَلِمْنَا مَا فَرَضْنَا عَلَيْهِمْ فِي أَزْوَاجِهِمْ وَمَا مَلَكَتْ أَيْمَانُهُمْ لِكَيْلَا يَكُونَ عَلَيْكَ حَرَجٌ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَحِيمًا (50)

हे पैग़म्बर! हमने आपके लिए आपकी वे पत्नियां हलाल अर्थात वैध कर दीं जिनका मेहर आप दे चुके हैं और वे महिलाएं भी जो आपके स्वामित्व में आईं जिन्हें ईश्वर ने ग़नीमत (अर्थात युद्ध में जीते गए माल) के रूप में आपको प्रदान किया और आपकी वे चचेरी, फूफेरी, ममेरी और ख़लेरी बहनें भी जिन्होंने आपके साथ पलायन किया है और वह ईमान वाली महिला भी जिसने अपने आपको पैग़म्बर के लिए विशेष कर दिया है (और मेहर नहीं चाहती है), अगर पैग़म्बर उससे विवाह करना चाहें (तो यह उनके लिए हलाल है)। यह अधिकार ईमान वालों के लिए नहीं है बल्कि केवल आपसे विशेष है। हमें ज्ञात है कि हमने उनकी पत्नियों और उनकी दासियों के बारे में उन पर क्या आदेश अनिवार्य किया है (हमने उस आदेश से आपको अपवाद कर दिया है) ताकि आप पर कोई तंगी न रहे। और ईश्वर अत्यंत क्षमाशील (व) दयावान है (33:50)

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