क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-777
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-777
يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ قُلْ لِأَزْوَاجِكَ وَبَنَاتِكَ وَنِسَاءِ الْمُؤْمِنِينَ يُدْنِينَ عَلَيْهِنَّ مِنْ جَلَابِيبِهِنَّ ذَلِكَ أَدْنَى أَنْ يُعْرَفْنَ فَلَا يُؤْذَيْنَ وَكَانَ اللَّهُ غَفُورًا رَحِيمًا (59)
हे पैग़म्बर! अपनी पत्नियों व बेटियों और ईमान वाली महिलाओं से कह दीजिए कि वे अपने ऊपर अपनी चादरों का कुछ हिस्सा लटका लिया करें। यह अधिक उचित तरीक़ा है ताकि वे पहचान ली जाएँ और सताई न जाएँ और ईश्वर बड़ा क्षमाशील व दयावान है। (33:59)
لَئِنْ لَمْ يَنْتَهِ الْمُنَافِقُونَ وَالَّذِينَ فِي قُلُوبِهِمْ مَرَضٌ وَالْمُرْجِفُونَ فِي الْمَدِينَةِ لَنُغْرِيَنَّكَ بِهِمْ ثُمَّ لَا يُجَاوِرُونَكَ فِيهَا إِلَّا قَلِيلًا (60) مَلْعُونِينَ أَيْنَمَا ثُقِفُوا أُخِذُوا وَقُتِّلُوا تَقْتِيلًا (61) سُنَّةَ اللَّهِ فِي الَّذِينَ خَلَوْا مِنْ قَبْلُ وَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّةِ اللَّهِ تَبْدِيلًا (62)
मिथ्याचारी और वे लोग जिनके दिलों में रोग है और मदीना में खलबली पैदा करने वाली अफ़वाहें फैलाने वाले अगर (अपनी हरकतों से) बाज़ न आए तो हम आपको उनके विरुद्ध खड़ा करे देंगे। फिर वे मदीने में आपके साथ बस कुछ ही समय रह पाएँग। (33:60) वे हर ओर से धिक्कारे हुए होंगे, जहाँ कहीं पाए जाएंगे पकड़े जाएँगे और बुरी तरह जान से मारे जाएँगें। (33:61) यह उन लोगों के विषय में ईश्वर की परपंरा रही है जो इससे पहले गुज़र चुके हैं। और आप ईश्वर की परंपरा में कभी भी परिवर्तन नहीं पाएंगे। (33:62)