Jun १६, २०२० १६:२५ Asia/Kolkata

वर्तमान समय में किसी भी देश की प्रगति में पूंजी निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

ईरान भी इस नियम से अपवाद नहीं है। पश्चिमी एशिया में महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग के रूप में ईरान के स्थान कत विशेष महत्व हासिल है।

ईरान , प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था का समर्थक देश है। भौगोलिक दृष्टि से ईरान, संसार के बड़े ही महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है। इसके अतिरिक्त भी बहुत सी एसी बाते हैं जिनके कारण ईरान में विदेशी पूंजीनिवेश किया जा सकता है।

वर्तमान समय में विदेशी पूंजीनिवेश ऐसा विषय है जिसने देशों के आर्थिक कार्यक्रमों में अपना स्थान बना लिया है। अब इसे एक महत्वपूर्ण क्षमता के रूप में देखा जाता है।

ईरान के भीतर पूंजी निवेश के लिए बहुत से अवसर पाए जाते हैं। इन अवसरों में से एक, ईरान की भौगोलिक स्थिति है। ईरान, पश्चिम एशिया के दक्षिण में स्थित है। यह, यूरोप और एशिया को एक दूसरे से जोड़ता है। ईरान, फ़ार्स की खाड़ी की उभरती मंडियों के निकट स्थित है। फ़ार्स की खाड़ी और हुरमुज़ जलडमरू मध्य जैसे रणनैतिक क्षेत्र में ईरान की उपस्थिति, व्यापार की दृष्टि से इस देश को बहुत महत्वपूर्ण बनाती है। इसका मूल कारण यह है कि फ़ार्स की खाड़ी और हुरमुज़ जलडमरू मध्य, कच्चे तेल के ट्रांसपोर्ट का अति महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग है।

ईरान की ज़मीती सीमाएं सात देशों से मिलती हैं जबकि आठ देशों से उसकी जल सीमाएं मिलती हैं। ईरानके पश्चिम में अफ़ग़ानिस्तान स्थित है जबकि ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान जैसे केन्द्रीय एशिया के देश भी इसके पड़ोसी हैं। इन देशों के पास उल्लेखनीय खदान पाए जाते हैं। इन देशों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि संसार के स्वतंत्र जल तक उनकी पहुंच नहीं है।

अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की रिपोर्ट के अनुसार सन 2014 में ईरान के 15 पड़ोसी देशों की जनसंख्या 650 मिलयन से अधिक थी। यह जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 9 प्रतिशत थी। ईरान के पड़ोसी देशों के पास बड़ी बड़ी मंडियां हैं। स्वंय ईरान की जनसंख्या आठ करोड़ है जो व्यापारिक दृष्टि से बहुत बड़ा बाज़ार है। यहां पर लनात्मक रूप में कार्यबल सस्ता है। देश में युवा विशेषज्ञों की संख्या भी बहुत अधिक है। ईरान में सस्ता कार्यबल और विशेषज्ञों की उपस्थिति से विदेशी पूंजीनिवेश का परिणाम बहुत अच्छा निकल सकता है।

प्राकृतिक गैस के भण्डारों की दृष्टि से ईरान का विश्व में दूसरा स्थान है जबकि तेल के भण्डरों के हिसाब से वह विश्व में चौथे नंबर पर आता है। इन दोनों क्षेत्रों में ईरान में विदेशी पूंजीनिवेश की बहुत संभावनाएं परई जाती हैं। तेल और गैस के अतिरिक्त ईरान में अल्मोनियम एवं स्टील जैसी धातुओं, सड़क निर्माण, शहरी विकास, पेट्रोकैमिकल, कृषि, पोल्ट्री, पर्यटन और ट्रांस्पोर्ट के क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर विदेशी पूंजी निवेश की संभावनाएं मौजूद हैं।

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