सीमुर्ग़ की कहानी-1
प्राचीन काल की बात है कि एक निर्धन और ग़रीब आदमी था कि जो अपने बीवी बच्चों के साथ रहता था।
यह व्यक्ति कोई काम धाम नहीं करता था और इधर उधर आवारा फिरता रहता था, यहां तक कि उसकी पत्नी ने एक दिन उससे कहा, जाओ कोई काम धाम तलाश करो, कब तक यूं ही बेकार इधर उधर घूमते रहोगे।
उसके बाद वह काम की तलाश में चल पड़ा। काफ़ी खोजने के बाद भी उसे कोई काम नहीं मिला। वह घर वापसी के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था और पत्नी के ताने सुनने का साहस भी नहीं कर पा रहा था। मजबूर होकर वह आत्महत्या के लिए एक समुद्र के किनारे पहुंचा और पानी में कूद पड़ा। उधर से एक ड्रैगन गुज़र रहा था उसने देखा कि एक व्यक्ति समुद्र में डूब रहा है। वह पानी में गया और उसने अपने पंजे में उसे पकड़ा और बाहर निकाल लिया। उसने अच्छी तरह उस व्यक्ति पर नज़र डाली तो देखा कि निर्धनता उसके वजूद से टपक रही है। उसने तुरंत समुद्र से एक मछली पकड़ी और उसके हाथ पर रख दी।
वह व्यक्ति अपने घर की ओर वापस जा रहा था कि एक धोकेबाज़ व्यक्ति ने उसका रास्ता रोका और कहा कि क्या दस सेर आटे से मछली को बदलोगे। वह व्यक्ति ख़ुश हो गया उसने मछली देकर आटा ले लिया। जब वह घर पहुंचा तो उसकी पत्नी ने कहा कि तुम्हें शुरू से ही यह काम करना चाहिए था। हर दिन इतना आटा लाओ, बच्चों का पेट भरेगा और वे रोयेंगे और पीटेंगे नहीं। वह व्यक्ति रात को आराम से सोया और दूसरे दिन सुबह उठकर काम की तलाश में गया। लेकिन काफ़ी खोजने के बावजूद न उसे कोई काम मिला और न ही कोई दूसरी चीज़ हाथ लगी। उसके मन में फिर वही बात आई कि पानी में डूबकर आत्महत्या कर ले ताकि दुनिया की झंझटों से मुक्ति मिल जाए।
उसने फिर वही किया। लेकिन उसके भाग्य से पहले दिन की भांति ड्रैगन पानी के ऊपर से उड़ रहा था उसने उसे पानी से निकाल लिया। उस दिन भी उसने एक मछली पकड़कर उसे दे दी। उस व्यक्ति ने ख़ुद को भाग्यशाली समझा और चल दिया घर की ओर। लेकिन रास्ते में फिर वही चालाक आदमी मिल गया और उसने इतनी मीठी मीठी बातें कीं कि उस बेचारे व्यक्ति ने थोड़ा सा आटा लेकर मछली उसे दे दी। जब सूर्यास्त के समय घर पहुंचा और पत्नी ने देखा कि उसका पति ख़ाली हाथ नहीं लौटा है तो कहा कि इसे कहते हैं मर्द। अगर सूर्यास्त के समय हर दिन थोड़ा आटा लेकर आओगे तो कम से कम बच्चों का पेट भरता रहेगा। उसने यह सुना लेकिन यह नहीं बताया कि उसने क्या किया है और कहां से वह आटा लाया है। तीसरे दिन बहुत जोश में घर से निकला और अधिक काम की तलाश में घूमा। लेकिन काफ़ी प्रयास के बावजूद, उसे कोई काम नहीं मिला। उसने सोचा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मेरी आजीविका समुद्र में डाल दी गई है। वह गया और फिर से समुद्र में कूद पड़ा। ड्रैगन को भी मानो उसकी आदत हो गई थी, लेकिन वह भी उसे बचा बचाकर थक चुका था और उसने सोचा कि यह व्यक्ति उसकी जान के लिए आफ़त बन गया है और अच्छा है डूबकर मर जाए। ऐसा लगता है कि उसे कोई काम नहीं है। प्रतिदिन क्यों डूबने चला आता है। अगर आज भी उसे पानी से निकाल लिया जाए तो वह कल फिर आएगा और पानी में कूद पड़ेगा।
उसने देखा कि वास्तव में ही वह बेचारा व्यक्ति डूब रहा है। ड्रैगन ने सोचा कि अगर वह मर जाएगा तो इसका ज़िम्मेदार वह होगा। इसलिए कि वह इसे बचा सकता था लेकिन नहीं बचाया। उसने सोचा आज भी उसे बचा लेता है और देखता है क्या होता है। वह पानी में उतरा और उस व्यक्ति को बचा लिया और इस बार भी एक मछली पानी से निकालकर उसे दे दी। लेकिन उसने सोचा कि यह अभाग्य नहीं जानता कि उसे क्या मिल गया है। इसलिए उसने कहा कि तू क्यों पानी में कूद जाता है? पहली मछली ही तेरी सात नस्लों के लिए काफ़ी थी। उस व्यक्ति ने कहा कि पहली मछली मैंने दस सेर आटे के बदले मे दे दी और दूसरी भी कुछ मुट्ठी आटे के बदले में देदी और अपने भूखे बीवी बच्चों के लिए आटा लेकर घर गया। यह भी कोई ज़िंदगी हुई कि जो मेरे भाग्य में आई है? ड्रैगन ने कहा, हे मूर्ख, उस मछली का पेट हीरों और सोने से भरा हुआ था। उस व्यक्ति के मूंह से एक आह निकली। उसने इस बार जो मछली ड्रैगन से ली थी उसे मज़बूती से पकड़ा और घर की ओर चल दिया। रास्ते में वही धोखेबाज़ व्यक्ति मिला और वह समझ गया था कि यह व्यक्ति बहुत सीधा सादा है।
वह रास्ते में छुपा बैठा था। जब उसने देखा कि वह आज भी मछली लेकर पलट रहा है तो सामने जाकर कहा, एक मुट्ठी आटे के बदले में मछली मुझे दोगे। वह व्यक्ति हंसा। उस चालबाज़ व्यक्ति ने कहा, दो मुट्छी आटा, वह व्यक्ति फिर हंसा, इसी प्रकार वह चालबाज़ भी बोली ऊपर ले जाता रहा। लेकिन जब उसने देखा कि यह निर्धन व्यक्ति आज उसकी बातों में नहीं आ रहा है तो उसने कहा कि वह एक हज़ार सिक्के उसे देगा। उस व्यक्ति ने फिर भी स्वीकार नहीं किया। जब वह उसकी बातों में नहीं आया तो दोनों में झगड़ा शुरू हो गया। जब एक दूसरे से उलझे हुए थे, उसी दौरान वहां सिपाही पहुंच गए और वे उन दोनों को पकड़कर राजा के सामने ले गए। राजा ने पूछा कि क्यों एक दूसरे लड़ रहे हैं? उस व्यक्ति ने कहा कि उसके पास तीन मछलियां थी कि जिनका पेट सोने चाँदी से भरा हुआ था।
इस चालबाज़ ने कुछ आटा देकर उससे वह मछली लेली और दूसरी एक मुट्ठी आटे के बदले मे लेली। अब तीसरी भी लेना चाह रहा है लेकिन वह नहीं देना चाहता। इसीलिए उन दोनों के बीच झगड़ा हो रहा था। राजा ने आदेश दिया कि मछली को लाया जाए। जब उसका पेट चीरा गया तो देखा कि कैसै कैसे हीरे इसके पेट में भरे में हुए हैं। यह देखकर राजा का मूंह खुला रह गया, लेकिन उसने मछली उसके मालिक को वापस करते हुए कहा कि सच सच बताए कि वह इसे कहां से लाया है? उस निर्धन व्यक्ति ने पूरी बात राजा को बताई कि वह निर्धनता की वजह से समुद्र में डूबकर आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन ड्रैगन ने उसे बचा लिया और यह मछली भी ड्रैगन ने ही उसे दी है। राजा ने आदेश दिया कि जाकर उस ड्रैगन को लेकर आए।
वह व्यक्ति मछली लेकर बहुत ख़ुश था लेकिन अब उसने देखा कि उसके भाग्य में फिर से बड़ी रुकावट आ गई है और वह ख़ाली हाथ घर वापस लौट गया। (SM)
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