Apr २६, २०१६ ११:१६ Asia/Kolkata
  • हज़रत सुलेमान का सेब-2

हमने कहा था कि प्राचीन काल में एक राजा था जिसके तीन बेटे थे।

 उनके नाम मलिक मोहम्मद, मलिक इब्राहीम और मलिक जमशेद थे। राजा का एक बहुत बड़ा और अजीबो ग़रीब बाग़ था और क्योंकि उसका प्रवेश द्वार हमेशा बंद रहता था, इसलिए न वह ख़ुद उसमें जाता था और न ही कोई दूसरा व्यक्ति राजा के भय से उसके निकट जाने की हिम्मत करता था। राजा ने अपने जीवन के अंतिम समय में अपने तीनों बेटों से वसीयत करते हुए कहा कि कोई भी उस बाग़ का द्वार न खोले।

 

 

लेकिन एक दिन बड़ा बेटा मलिक मोहम्मद बाग़ में चला गया, उसने एक सुन्दर हिरन देखा और उसका पीछ किया। हिरन रास्ते में उससे सवाल पूछता रहा यहां तक कि वे शहर के द्वार पर पहुंच गए। लड़के को राजा के सामने हाज़िर किया गया। राजा ने उसके सामने एक शर्त रखी कि अगर वह उसकी लड़की को सुबह तक बुलवा सका जो वर्षों से कुछ नहीं बोली है तो अपनी लड़की की शादी उसके साथ कर देगा, वरना उसकी गर्दन मार दी जाएगी। जब राजा का पहला बेटा वापस नहीं लौटा तो उसके दूसरे भाई ने शासन अपने सबसे छोटे भाई के हवाले किया और अपने बड़े भाई की खोज में निकल पड़ा। मलिक इब्राहीम का भी वही हश्र हुआ जो उसके बड़े भाई का हुआ था।

 

 

मलिक जमशेद ने जब देखा कि उसके दोनों भाईयों का कोई अता पता नहीं है। तो उसने सोचा कि वह अपने भाईयों को इसी तरह कैसे छोड़ सकता है। उसने अपना सामान तैयार किया और अपने भाईयों की खोज में निकल पड़ा। वह भी उसी ओर चल दिया कि जिधर उसके दोनों भाई गए थे। वह चलते चलते उसी जगह पहुंच गया जहां हिरन आता था और बात करता था। जैसे ही वह वहां पहुंचा हिरन उसके सामने आया और उसने वही बातें उससे कहीं। राजकुमार भी उसके पीछे चल दिया यहां तक कि शहर के द्वार पर पहुंच गया। हिरन ने उसे वहीं रोका और जल्दी वापस लौटने का कहकर चला गया। जब हिरन चला गया तो मलिक जमशेद ने सोचा क्यों न आसपास टहलकर देखूं कि यहां क्या हो रहा है और कोई इस हिरन के रहस्य के बारे में कुछ जानता है या नहीं।

 

 

दो चार क़दम चलने के बाद उसने देखा कि एक बूढ़ी महिला एक तम्बू में बैठी हुई है और उसे घूरकर देख रही है। मलिक जमशेद आगे बढ़ा और बूढ़ी महिला से पूछा, बुढ़िया तू यहां क्या कर रही है? बूढ़ी हंसी और उसने मलिक जमशेद से कहा कि वह अंदर आ जाए। जैसे ही राजकुमार भीतर गया वह उसके लिए पानी और हुक़्क़ा लेकर आई और कहने लगी मलिक जमशेद तू कहां और यह जगह कहां? इस ओर क्यों आया है? मलिक मोहम्मद ने जो कुछ घटा था सब बूढ़ी महिला से बयान कर दिया और कहा कि अब वह हिरन की वापसी का इंतज़ार कर रहा है। बूढ़ी ने जैसे ही हिरन का नाम सुना उसका चेहरा पीला पड़ गया और उसने हिरन को बुरा भला कहना शुरू कर दिया। मलिक जमशेद आशर्चय में पड़ गया और उसने कहा कि हिरन को क्यों बुरा भला कह रही है? बूढ़ी ने कहा, मलिक जमशेद अपनी जवानी पर रहम कर और हिरन के जाल में मत फंस। यह हिरन इस शहर के राजा की लड़की है। वह हिरन का रूप धारण करके इस जंगल में आती है, जवानों को धोका देकर उन्हें राजा के सामने ले जाती है। जब युवा वहां पहुंच जाता है तो फिर से लड़की का रूप धारण कर लेती है और कमरे में जाकर बीमारी का बहाना बनाती है और कुछ नहीं बोलती। राजा जाल में फंसने वाले युवाओं को बाध्य करता है कि उससे बात करें। अगर नहीं बोलती है तो राजा युवाओं का सिर क़लम कर देता है। अब तक 200 लोगों की जान ले चुकी है।

 

 

मलिक जमशेद ने जब यह सुना तो उसे अपने भाईयों की स्थिति के बारे में दुख हुआ और ख़ुद भी डर गया कि किस जाल में फंस गया है। उसने बूढ़ी महिला की ओर देखकर कहा, अब मुझे क्या करना चाहिए? बूढ़ी महिला ने कहा मैं तुझे एक सेब देती हूं, यह सेब हज़रत सुलेमान का सेब है। आज रात में जब तुझे लड़की के कमरे में ले जायेंगे तो धीरे से इस सेब को दीप के नीचे रख देना और उससे बातचीत शुरू करना। पहले कहना कि मैं तुझे हज़रत सुलेमान की क़ब्र की क़सम देता हूं कि कुछ बात कर ताकि रात बीत सके।

 

 

मलिक जमशेद ने बूढ़ी से सेब लिया और जल्दी से जाकर शहर के द्वार पर खड़ा हो गया। फिर वही व्यक्ति आया और लड़के को राजा के पास ले गया। राजा ने मलिक जमशेद की ओर देखकर कहा, मेरी लड़की बोलती नहीं है, अगर आज रात तू उसे बुलवा सका तो उसे मैं तेरे हवाले कर दूंगा, अगर ऐसा नहीं कर सका तो तेरे दूसरे दोनों भाईयों की तरह सुबह होने पर तेरा सिर क़लम कर दूंगा। मलिक जमशेद को लड़की के कमरे में ले जाया गया। जब रात हुई तो उसने बहुत प्रयास किया लेकिन लड़की नहीं बोली। जब उसने देखा कि लड़की इस तरह रास्ते पर नहीं आ रही है तो धीमे से सेब को दीप के नीचे रख दिया और सेब की ओर देखकर कहा, हे सेब मैं तुझे हज़रत सुलेमान की क़ब्र के कोने की क़सम देता हूं, कुछ बात कर ताकि हमारी यह रात बीत सके। जैसे ही उसने यह क़सम दिलाई, सेब ने बोलना शुरू कर दिया और एक कहानी सुनाई...

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