क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-780
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-780
بِسْمِ اللَّـهِ الرَّحْمَـنِ الرَّحِیمِ الْحَمْدُ لِلَّـهِ الَّذِی لَهُ مَا فِی السَّمَاوَاتِ وَمَا فِی الْأَرْضِ وَلَهُ الْحَمْدُ فِی الْآخِرَةِ وَهُوَ الْحَکِیمُ الْخَبِیرُ، یَعْلَمُ مَا یَلِجُ فِی الْأَرْضِ وَمَا یَخْرُجُ مِنْهَا وَمَا یَنزِلُ مِنَ السَّمَاءِ وَمَا یَعْرُجُ فِیهَا وَهُوَ الرَّحِیمُ الْغَفُورُ
अल्लाह के नाम से जो अत्यंत कृपाशील और दयावान है। समस्त प्रशंसा ईश्वर ही के लिए है जिसका वह सब कुछ है जो आकाशों और धरती में है। और प्रलय में भी सारी प्रशंसा उसी के लिए है। और वही तत्वदर्शी व ख़बर रखने वाला है। (34:1) जो कुछ धरती में प्रविष्ट होता है, और जो कुछ उससे निकलता है और जो कुछ आकाश से उतरता है और जो कुछ उसमें चढ़ता है, वह सभी को जानता है। और वही अत्यन्त दयावान व क्षमाशील है। (34:2)
وَقَالَ الَّذِينَ كَفَرُوا لَا تَأْتِينَا السَّاعَةُ قُلْ بَلَى وَرَبِّي لَتَأْتِيَنَّكُمْ عَالِمِ الْغَيْبِ لَا يَعْزُبُ عَنْهُ مِثْقَالُ ذَرَّةٍ فِي السَّمَاوَاتِ وَلَا فِي الْأَرْضِ وَلَا أَصْغَرُ مِنْ ذَلِكَ وَلَا أَكْبَرُ إِلَّا فِي كِتَابٍ مُبِينٍ (3)
काफ़िरों ने कहा कि हमारे लिए कभी प्रलय की घड़ी नहीं आएगी। (हे पैग़म्बर!) कह दीजिए कि क्यों नहीं, गुप्त ज्ञान के स्वामी मेरे पालनहार की क़सम! वह (घड़ी) तुम्हारे लिए भी ज़रूर आएगी। उससे कण भर भी कोई चीज़ न तो आकाशों में ओझल है और न ही धरती में, और न इससे छोटी कोई चीज़ और न ही बड़ी, सिवाय इसके कि वह एक स्पष्ट किताब में (अंकित) है। (34:3)
لِيَجْزِيَ الَّذِينَ آَمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ أُولَئِكَ لَهُمْ مَغْفِرَةٌ وَرِزْقٌ كَرِيمٌ (4) وَالَّذِينَ سَعَوْا فِي آَيَاتِنَا مُعَاجِزِينَ أُولَئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مِنْ رِجْزٍ أَلِيمٌ (5)
ताकि ईश्वर उन लोगों को प्रतिफल दे जो ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे कर्म किए। वही हैं जिनके लिए क्षमा और प्रतिष्ठित आजीविका है। (34:4) और जिन लोगों ने हमारी आयतों को नीचा दिखाने के लिए ज़ोर लगाया, उनके लिए बहुत ही बुरे प्रकार का पीड़ादायक दंड है। (34:5)