क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-786
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-786
قُلْ لَا تُسْأَلُونَ عَمَّا أَجْرَمْنَا وَلَا نُسْأَلُ عَمَّا تَعْمَلُونَ (25) قُلْ يَجْمَعُ بَيْنَنَا رَبُّنَا ثُمَّ يَفْتَحُ بَيْنَنَا بِالْحَقِّ وَهُوَ الْفَتَّاحُ الْعَلِيمُ (26) قُلْ أَرُونِيَ الَّذِينَ أَلْحَقْتُمْ بِهِ شُرَكَاءَ كَلَّا بَلْ هُوَ اللَّهُ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ (27)
(हे पैग़म्बर! उनसे) कह दीजिए कि जो ग़लती हमने की होगी, उसकी पूछताछ तुमसे नहीं होगी और जो कुछ तुम कर रहे हो, उसके बारे में हमसे नहीं पूछा जाएगा। (34:25) कह दीजिए कि हमारा पालनहार (प्रलय में) हम सबको इकट्ठा करेगा (और) फिर हमारे बीच ठीक-ठीक फ़ैसला कर देगा और वही उत्तम फ़ैसला करने वाला व अत्यन्त ज्ञानी है। (34:26) (उनसे) कह दीजिए कि जिन्हें तुमने ईश्वर का समकक्ष बना कर उससे जोड़ रखा है, मुझे उन्हें दिखाओ तो सही, कदापि ऐसा नहीं (हो सकता) है, बल्कि वही ईश्वर अत्यन्त प्रभुत्वशाली व तत्वदर्शी है। (34:27)
وَمَا أَرْسَلْنَاكَ إِلَّا كَافَّةً لِلنَّاسِ بَشِيرًا وَنَذِيرًا وَلَكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ (28)
और (हे पैग़म्बर!) हमने तो आपको केवल सभी मनुष्यों के लिए शुभ सूचना देने वाला और सावधान करने वाला बनाकर भेजा है किन्तु अधिकतर लोग जानते नहीं। (34:28)
وَيَقُولُونَ مَتَى هَذَا الْوَعْدُ إِنْ كُنْتُمْ صَادِقِينَ (29) قُلْ لَكُمْ مِيعَادُ يَوْمٍ لَا تَسْتَأْخِرُونَ عَنْهُ سَاعَةً وَلَا تَسْتَقْدِمُونَ (30)
और वे कहते हैं कि यदि तुम सच्चे हो तो (प्रलय का) यह वादा कब पूरा होगा? (34:29) (हे पैग़म्बर!) कह दीजिए कि तुम्हारे लिए एक ऐसे दिन का वादा निर्धारित है जिसके आने में तुम न तो एक घड़ी का विलम्ब कर सकते हो और न ही एक घड़ी पहले उसे ला सकते हो। (34:30)