उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, वीएचपी और अन्य संगठनों ने मोर्चा खोल दिया, बैकफ़ुट पर आ सकती है सरकार
(last modified Mon, 12 Jul 2021 10:40:44 GMT )
Jul १२, २०२१ १६:१० Asia/Kolkata
  • उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, वीएचपी और अन्य संगठनों ने मोर्चा खोल दिया, बैकफ़ुट पर आ सकती है सरकार

विश्व हिंदू परिषद और कुछ अन्य पॉप्युलेशन एक्सपर्ट संस्थानों ने उत्तर प्रदेश सरकार के जनसंख्या नियंत्रण विधेयक की आलोचना की है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से तैयार विधेयक में दो से ज़्यादा बच्चों वालों को सरकारी नौकरियों और योजनाओं से बाहर करने की योजना है जबकि दो से कम बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने की भी बात कही जा रही है।

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस क़ानून की आलोचना करते हुए कहा है कि एक बच्चे की नीति से समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इसके बारे में सोचना चाहिए क्योंकि इससे आबादी में निगेटिव ग्रोथ होगा।

बयान में कहा गया है कि सोमवार को वीएचपी की ओर से लिखित में विधि आयोग को आपत्ति सौंपी जा सकती है और इसमें बिल के ड्राफ्ट से एक बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने का प्रावधान हटाने की मांग की जा सकती है। विश्व हिंदू परिषद के अलावा भी लैंगिक और जनस्वास्थ्य के एक्सपर्ट्स ने सरकार की ओर से तैयार विधेयक पर सवाल उठाए हैं। पॉप्युलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की एग्जीक्युटिव डायरेक्टर पूनम मुतरेजा ने कहा कि देश या दुनिया का कोई भी डेटा यह नहीं कहा है कि भारत या फिर यूपी में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है।

मुतरेजा ने कहा कि भारत में टोटल फर्टिलिटी रेट में कमी ही आई है। 1992-93 में भारत में फर्टिलिटी रेट 3.4 था, जो 2015-16 में घटकर 2.2 ही रह गया। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक देश भर का औसत 2.2 था, जबकि यूपी का 2.7 था। जो देशभर के मुकाबले अधिक है। उत्तर प्रदेश सरकार की नीति को लेकर महिला एक्सपर्ट्स ने भी चिंता जताई है। मुतरेजा ने कहा कि यूपी सरकार की ओर से पुरुषों और महिलाओं की नसबंदी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन आमतौर पर फैमिली प्लानिंग के उपायों का बोझ महिलाओं पर ही दिया जाता रहा है। (AK)

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