Sep २८, २०२३ १८:२६ Asia/Kolkata
  • उत्तर प्रदेश, छात्रों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश, परीक्षा में पूछे गये मुस्लिम विरोधी सवाल

उत्तर प्रदेश के बहराइच शहर के एक ​स्कूल में मुस्लिमों को लेकर एक आपत्तिजनक सवाल पूछे जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है।

मामला शहर के गुरु कृपा डिवाइन ग्रेस पब्लिक स्कूल का है। स्कूल में छमाही परीक्षाएं चल रही हैं और कक्षा 9 के हिंदी के पेपर में यह एक विवादित सवाल पूछा गया था।

इस सवाल के विरोध में स्थानीय मुसलमानों ने विरोध प्रदर्शन किया है और स्कूल के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि स्कूल ने माफी मांगी है और कहा है कि विवादास्पद प्रश्न-पत्र में अनजाने में ‘मुस्लिम’ शब्द का इस्तेमाल हो गया था।

स्कूल प्रबंधन ने प्रश्न-पत्र तैयार करने वाली हिंदी की शिक्षक को बर्खास्त करने के साथ परीक्षा भी रद्द कर दी है।

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सवाल पेपर के खंड ‘अ’ में वस्तुपरक प्रश्न के तौर पर पूछा गया था। विवादास्पद सवाल में कहा गया था, ‘आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है, जो मानवता के लिए महत्वपूर्ण चुनौती है. इसका मुख्य कारण राजनीतिक स्वार्थ, सत्ता लोलुपता और धार्मिक कट्टरता है, जो आतंकवादियों को उत्पन्न करते हैं. यह एक विचारशीलता की प्रणाली है, जिसमें भारतीय मुस्लिम आतंकवाद, लश्कर-ए-तैयबा, अल कायदा, तालिबान और इस्लामिक राजनीति के विभिन्न संगठन शामिल हैं।

यह भी कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे एवं पाकिस्तानी घुसपैठ को रोकते हुए इस राज्य पर अपनी पकड़ मज़बूत करनी होगी तथा आवश्यकता पड़ने पर पाकिस्तान से द्विपक्षीय वार्ता के अतिरिक्त युद्ध के लिए भी तैयार रहना होगा।

स्थानीय लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा है। लोगों ने कहा कि पेपर में विभिन्न आतंकवादी संगठनों को भारतीय मु​सलमानों से जोड़ा गया हैं और भारतीय मुस्लिमों को आतंकवादी बताया गया है।

प्रदर्शन करने वालों ने कहा कि हमारी मांग है कि स्कूल की मान्यता खत्म की जाए, क्योंकि ऐसे गैर-ज़िम्मेदाराना पेपर से हिंदू-मुसलमानों में नफरत की भावना पैदा होगी, इससे हिंदू और मुसलमान बच्चे आपस में नफरत करेंगे, नफरत वाली तालीम नहीं होनी चाहिए, प्यार वाली तालीम होनी चाहिए।

ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा वर्षों से संकट के दौर से गुजर रही है, लेकिन हिंदुत्व की शिक्षा ने जटिलताओं का एक और स्तर जोड़ दिया है। (AK)

 

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