क्या इसी को सफेद झूठ कहते हैं? मोदी सरकार का जवाब हैरत में डालने वाला, भारत में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई!
क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज़ ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ गए? कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल के इस सवाल का राज्यसभा में जो लिखित जवाब मोदी के मंत्री ने दिया, उससे न केवल हर एक भारतीय हैरान रह गया बल्कि दुनिया भी सोच में पड़ी गई है कि क्या इसी को कहते हैं सफेद झूठ?
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, जहां एक ओर पूरी दुनिया यह जान चुकी है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार ने संसद में एक भी मरीज़ की ऑक्सीजन की कमी से मौत न होने की बात कहकर सबको चौंका दिया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन संकट की वजह से बड़ी तादाद में कोरोना मरीज़ों की मौतें हुई, लेकिन मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी सरकार में स्वस्थ्य राज्यमंत्री डॉक्टक भारती प्रवीण कुमार ने लिखित में दिए जवाब मैं कहा, स्वास्थ्य राज्य का विषय है। मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं। राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री के इस जवाब से विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि कोरोना से हुई मौतों पर राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के पूछे गए सवालों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, "मोदी जी ने कहा डेथ रजिस्टर कीजिए, छुपाइए मत, राज्य सरकार को ही मौतें रजिस्टर करनी होती हैं, यहां कहा गया कि भारत सरकार आंकड़े छुपा रही है, यह ग़लत है।" उधर कांग्रेस ने स्वास्थ्य राज्य मंत्री के जवाब की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार अंधी और असंवेदनशील है। आम लोगों ने अपने क़रीबियों को ऑक्सीजन की कमी से मरते हुए देखा है। अब कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस मसले पर स्वास्थ्य राज्यमंत्री के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का फ़ैसला किया है। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने संसद में ग़लतबयानी की है। ग़ौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सिलिंडर और टैंकरों की कमी को लेकर देश भर में हाहाकार मचा। मोदी सरकार ने भी युद्ध स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन मुहैया कराने की पहल की, वायु सेना और भारतीय रेल को इस काम के लिए लगाया गया, ऐसे में स्वास्थ्य राज्यमंत्री का जवाब कई सवाल खड़े कर रहा है। (RZ)
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