कश्मीर, सीआरपीएफ़ की फ़ायरिंग से दिहाड़ी मज़दूर की मौत, परिवार ने कहा कि जानबूझकर की गई हत्या...
भारत नियंत्रित जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में रविवार को छापामारों और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल "सीआरपीएफ़" के बीच गोलीबारी में एक दिहाड़ी मज़दूर की मौत हो गई। मारे गए व्यक्ति की पहचान शाहिद अहमद राथर के रूप में हुई है।
राथर दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में अरवानी क्षेत्र के निवासी थे। इस घटना पर कश्मीर घाटी की मुख्यधारा की पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पुलिस ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 10 बजे अज्ञात छापामारों ने शोपियां में बाबापोरा में सीआरपीएफ की 178वीं बटालियन के नाका दल पर हमला किया था। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ़ ने गोलीबारी का जवाब दिया और दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
मृतक के छोटे भाई ज़ुबैर अहमद राथर ने कहा कि सीआरपीएफ़ ने निशाना बनाकर उनके भाई की हत्या की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने उसे जानबूझकर गोली मारी है। इलाके में कोई क्रॉस फ़ायरिंग नहीं हो रही थी। अगर हमारे साथ ऐसा हुआ है तो किसी के साथ भी हो सकता है। वे निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं और उन्हें आतंकवादी करार दे रहे हैं। हम न्याय चाहते हैं।
इस घटना का एक फोटो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ये देखा जा सकता है कि शाहिद ने फेरन पहन रखी है और उनका सिर एक ट्रक के टायर पर गिरा पड़ा है। उनके पैर सीधे हैं और उनका हाथ फेरन के अंदर है। शव के आसपास एक बैग और कई सारे सेब बिखरे पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
पीड़ित के एक पड़ोसी ने कहा कि वह चार-पांच दिनों से घर से बाहर था। उसने पैसे कमाने और अपने परिवार की मदद करने के लिए स्कूल छोड़ दिया था। वह ग़रीबी रेखा से नीचे के परिवार हैं। उनकी हत्या ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है।
इस मामले को लेकर पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि शुरुआती जांच और चश्मदीदों के बयान से पता चला है कि छापामारों ने सीआरपीएफ़ दल पर हमला किया और सीआरपीएफ दल ने जवाबी कार्यवाही की। दोनों ओर से हुई गोलीबारी के दौरान छापामारों के एक सहयोगी ने सीआरपीएफ़ जवान की सर्विस राइफ़ल छीन ली जिसे चुनौती दी गई और रुकने का आदेश दिया गया हालांकि वह उसी दिशा में भागता रहा जिस तरफ़ से सीआरपीएफ़ दल गोली चला रहा था और इस बीच दोनों ओर जारी गोलीबारी के दौरान वह गोली लगने से घायल हो गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में सीआरपीएफ का एक जवान भी घायल हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में जैनापोरा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
पिछले एक महीने में यह दूसरी बार हुआ है, जब सीआरपीएफ की गोली से नागरिक की मौत हुई है।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी सहमति के बिना ही शव दफना दिया। गरीब खानाबदोश परवेज के परिवार में सात सदस्य हैं, जिनमें उनकी दो छोटी बेटियां, गर्भवती पत्नी, नाबालिग़ बहन और छोटे भाई के अलावा बुजुर्ग माता-पिता हैं। (AK)
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