यूपी, गिरफ़्तार कश्मीरी छात्रों के परिवारों के पास केस लड़ने के पैसे नहीं, माता पिता की दुखभरी कहानी...
(last modified Mon, 01 Nov 2021 04:22:57 GMT )
Nov ०१, २०२१ ०९:५२ Asia/Kolkata
  • यूपी, गिरफ़्तार कश्मीरी छात्रों के परिवारों के पास केस लड़ने के पैसे नहीं, माता पिता की दुखभरी कहानी...

भारत नियंत्रित कश्मीर के हरदीचेकी चकपोरा गांव के रहने वाले अरशद यूसुफ पॉल और दो अन्य कश्मीरी छात्रों को कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करने के लिए 27 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

21 वर्षीय अरशद और उत्तर कश्मीर के बांदापोरा ज़िले के दो अन्य कश्मीरी छात्र इनायत अल्ताफ़ शैख़ और शौकत अहमद ग़नई आगरा के एक निजी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।

अरशद की 45 वर्षीय मां हनीफा पत्रकारों से बातचीत में कहती हैं कि हो सकता है कि अरशद ने कुछ गलती की हो लेकिन मैं सरकार से उसे माफ़ करने की अपील करती हूं, वह मेरा इकलौता बेटा है, परिवार का मुख्य स्तंभ है, दो दशक पहले मेरे पति की मौत हो गई थी और मेरी दो बेटियां हैं।

भाजपा के स्थानीय नेताओं की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि 24 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तान की जीत पर आगरा के राजा बलवंत सिंह मैनेजमेंट टेक्निकल कैंपस में कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी की थी।

हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने नारेबाजी के आरोपों से इनकार किया है लेकिन तीन कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा है कि कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को क्लीनचिट दे दी थी लेकिन यूपी पुलिस इन ग़रीब बच्चों का उत्पीड़न कर रही है।

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने तीनों छात्रों की फ़ेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद उनके ख़िलाफ़ राजद्रोह की धारा लगाई, इससे कश्मीर में इनके परिवार चिंता में हैं।

गिरफ्तार किए गए ये सभी कश्मीरी छात्र गरीब परिवारों से हैं और 2010 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत पढ़ रहे हैं।

अरशद अपने दो चाचाओं, उनके चार बेटों और दो बेटियों और एक दर्जन से अधिक चचेरे भाइयों के अपने विस्तारित परिवार में एकमात्र सदस्य हैं, जो स्नातक की डिग्री पूरी करने वाले हैं. उनके परिवार में उनकी उम्र के अन्य सदस्य गरीबी की वजह से स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए।

 

परिवार के पास अरशद से मिलने के लिए कश्मीर से आगरा जाने के लिए पैसे नहीं है और न ही वे इसके लिए कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं.

बता दें कि 28 अक्टूबर को एक वीडियो वायरल हुए था, जिसमें देखा जा सकता है कि आगरा में अदालत के समक्ष पेश किए गए इन छात्रों पर हमला किया गया था। अदालत ने इन छात्रों को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड में भेज दिया था। हमलावर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे।

बता दें कि टी-20 वर्ल्ड कप मैच में भारत पर पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की जीत पर कथित जश्न को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और वॉट्सऐप स्टेटस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर जम्मू के पूंछ जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया था। (AK)

 

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