शत्रु संपत्ति बेचकर भारत सरकार कमाएगी करोड़ों रुपये
पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वालों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्तियों को बेचकर भारत की सरकार कम से कम एक लाख करोड़ की कमाई कर लेगी।
भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार ने उन शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए एक हाई लेवल कमेटी का पुनर्गठन किया है जो पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा छोड़ी गई हैं।
भारत के गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट बताती है कि यह समिति 12,600 से अधिक अचल संपत्तियों का निपटारा करेगी। इस काम से सरकारी खजाने को कम से कम एक लाख करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं।
गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक कमिटी का अध्यक्ष एक एडिशनल सेक्रेटरी रैंक का अधिकारी होगा जबकि एक मेंबर सेक्रेटरी के साथ पांच अन्य विभागों के सदस्य होंगे। इस सरकारी क़दम को विभाजन के दौरान और 1962 युद्ध के बाद भारत छोड़ने वाले लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति के मुद्रीकरण की एक नई कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक शत्रु संपत्ति भारत के उत्तर प्रदेश में है। उपलब्ध कराई गई सूचि के अनुसार उप्र में दुश्मन संपत्ति की संख्या 6255 है। इसके बाद भारत के अन्य राज्यों में पाई जाने वाली शत्रु संपत्ति की सूचि इस प्रकार से हैः पश्चिम बंगाल में 4088, दिल्ली में 658, गोवा में 295, महाराष्ट्र में 207, तेलंगाना में 158, गुजरात में 151, त्रिपुरा में 105 और बिहार में 94 दुश्मन संपत्तियां हैं।
याद रहे कि अबतक 2700 करोड़ रुपये की चल संपत्तियों का निपटारा करके इन पैसों को भारत सरकार के फंड में जमा किया जा चुका है।
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