ख़तरनाक होती जा रही हैं शादी की रस्में, उत्तर प्रदेश में छाया मौत का सन्नाटा!
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुधवार देर रात एक हल्दी रस्म के दौरान कुएं में डूबने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ज़्यादातर महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के नौरंगिया गांव में शादी समारोह के दौरान दुर्घटनावश कुएं में गिरने से महिलाओं और बच्चों समेत 13 लोगों की मौत हो गई। यह महिलाएं एक विवाह समारोह में हल्दी की रस्म के लिए एकत्रित हुईं थीं और कुएं के ऊपर रखे स्लैब पर खड़ीं थीं। इसी दौरान वह स्लैब टूट गई और महिलाएं कुएं में जा गिरीं। शादी की रस्म के लिए एकत्रित हुए लोग अचानक हुए हादसे से सन्न रह गए। शादी वाले घर में अचानक मातम फैल गया और पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। कुशीनगर के नौरंगिया गांव में किसी तरह से स्थानीय लोगों ने कुएं में गिरे लोगों को बाहर निकाला लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार शादी में महिलाएं और बच्चे एक पुराने कुएं पर ढके स्लैब पर बैठी थीं। स्लैब भारी वज़न के कारण टूट गई और उसके ऊपर बैठे लोग कुएं में गिर गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। घटना में दो लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया है। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, "उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुआ हादसा हृदयविदारक है। इसमें जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन हर संभव मदद में जुटा है।" दूसरी ओर हादसे में मारे गए लोगों के लिए मुआवज़े का ऐलान किया गया है। पीएम रिलीफ़ फंड से मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार की सहायता दी जाएगी, वहीं ज़िला प्रशासन से मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार की सहायता का ऐलान किया गया है। पुलिस ने कुएं में और शव होने की आशंकाओं से इनकार नहीं किया है। वहीं कई जानकारों का मानना है कि शादियों में आए दिन नई-नई रस्मों की इंट्री हो रही है जिनमें से कुछ रस्में तो जानलेवा भी बनती जा रही हैं। सरकारो को चाहिए की इसपर ध्यान दें ताकि जहां ख़तरनाक रस्मों को रोका जा सके वहीं शादियों के ख़र्चों में भी कमी लाई जा सके। (RZ)
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