मैं एक और मस्जिद नहीं खोना चाहता, कमेटी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को फौरन सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिएः ओवैसी
वाराणसी की एक जिला अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में कोर्ट कमिश्नर को हटाने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
अदालत ने ताला खोलकर ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने का सर्वे करने का भी आदेश दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया है। ओवैसी ने कहा कि मस्जिद की कमेटी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को फौरन सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि यह एक खुला उल्लंघन है और मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और मैं दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता। एआईएमआईएम चीफ ने आगे कहा कि योगी सरकार को उन लोगों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करना चाहिए जो धार्मिक स्थलों की प्रकृति को बदलने की कोशिश करते हैं। अगर अदालतें उन्हें दोषी पाती हैं, तो उन्हें 3 साल की जेल हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने पर ओवैसी ने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सभी मदरसे देशभक्ति की बात करते हैं। मदरसों में देश प्रेम सिखाया जाता है। आप उन्हें शक की निगाह से देखते हैं, इसलिए ऐसे कानून बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को मुझे देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। जब देश का स्वतंत्रता संग्राम लड़ा जा रहा था तब संघ परिवार नहीं था। अंग्रेजों के खिलाफ ये मदरसे खड़े थे।
ज्ञात रहे कि उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों में गुरुवार से रोजाना राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य कर दिया गया। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने गत 9 मई को सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस बारे में आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि पिछले 24 मार्च को बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप नये शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के समय राष्ट्रगान अनिवार्य है। MM
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