क्या भारत में कोरोना की दूसरी लहर में ही 5 लाख लोगों की मौत हो गयी?
(last modified Thu, 15 Sep 2022 02:20:19 GMT )
Sep १५, २०२२ ०७:५० Asia/Kolkata
  • क्या भारत में कोरोना की दूसरी लहर में ही 5 लाख लोगों की मौत हो गयी?

भारत की संसदीय समिति ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यदि रोकथाम रणनीतियों को समय पर लागू किया जाता तो अनेक लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

स्वास्थ्य मामलों से संबंधित एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में हालात की गंभीरता का अंदाजा न लगा पाने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहली लहर के बाद जब देश में कोविड-19 के मामलों में गिरावट दर्ज की गई, तब सरकार को देश में महामारी के दोबारा जोर पकड़ने के ख़तरे और इसके संभावित प्रकोप पर नज़र रखने के अपने प्रयास जारी रखने चाहिए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति इस बात से नाख़ुश है कि कई राज्य दूसरी लहर के दौरान उत्पन्न हुईं अनिश्चितताओं और आपात स्वास्थ्य स्थितियों से निपटने में असमर्थ रहे, जिसके चलते पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हुई।

समाजवादी पार्टी सांसद रामगोपाल यादव की अध्यक्षता वाली, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी संसद की स्थायी समिति की यह रिपोर्ट सोमवार को राज्यसभा के सभापति को सौंपी गई।

समिति ने अपनी 137वीं रिपोर्ट में कहा कि दूसरी लहर में निस्संदेह संक्रमण और मौत के बढ़ते मामलों में वृद्धि, अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी, दवाओं और अन्य महत्वपूर्ण पदार्थों की आपूर्ति का अभाव, आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में व्यवधान, ऑक्सीजन सिलेंडर व दवाओं की जमाखोरी और कालाबाज़ारी आदि देखी गई।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत दुनिया में कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल रहा जबकि लचर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी के कारण देश में जबरदस्त दबाव देखा गया। (AK)

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