क्या चीन के सामने भारत ने घुटने टेक दिए हैं? चीते की रफ़्तार से भारतीय सीमा में घुस रहा है चीन!
लद्दाख एक शांतिपूर्ण क्षेत्र रहा है, लेकिन जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ख़ूनी संघर्ष के बाद, यहां की स्थिति बिल्कुल बदल गई है। इस संघर्ष के बीच, चीनी सैनिक इस इलाक़े के कई क्षेत्रों में दाख़िल हो गए हैं, जिन पर भारत का दावा या नियंत्रण था। सूत्रों की मानें तो इस समय चीन ने भारतीय सीमा के कई किलोमीटर तक अपना नियंत्रण कर लिया है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस समय भारत और चीन दोनों देशों के हज़ारों सशस्त्र सैनिक दोरबक, गलवान, पैंगोंग त्सो, डेपसांग, हॉट स्प्रिंग, गोगरा, चोशूल, चोमूर और डेमचोक जैसे सीमावर्ती इलाक़ों में एक-दूसरे के सामने तैनात हैं। कई जगहों पर दोनों सेनाओं के बीच बहुत कम दूरी है। क्षेत्र में बहुत ही ज़्यादा सतर्कता बरती जा रही है। लेह से लेकर पैंगोंग चोशूल, चोमूर, डेमचोक, डेपसांग और हॉट स्प्रिंग तक, हर जगह भारतीय सेना के अड्डे और छावनी स्थापित हैं। लेकिन इस सबके बावजूद जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उससे यह साबित होता है कि भारत द्वारा दावा किए जाने वाले कई इलाक़ों में चीन अंदर तक घुस आया है और वहां निर्माण कार्य तेज़ी से जारी हैं। स्थानीय नागरिकों ने मीडिया सूत्रों से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि चीनी सैनिक इस समय भारत के उन इलाक़ों में भी प्रवेश कर गए हैं कि जहां वे कभी भी नहीं आते थे। इन ख़बरों के बाद ऐसा माना जा रहा है कि भारत कहीं न कहीं चीन के सामने झुकने पर मजबूर हो गया है।
इस बीच भारतीय मीडिया ने दावा किया है कि दोनों पक्ष योजना के अनुसार पीछे हट गए हैं। पीछे हटने और सत्यापन प्रक्रिया के बारे में स्थानीय कमांडर से पूरी जानकारी का इंतज़ार किया जा रहा है। हालांकि, डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध को हल करने में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। वहीं जब इस संबंध में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे से पीपी-15 में सैनिकों के पीछे हटने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मुझे जाकर जायज़ा लेना होगा, लेकिन यह निर्धारित कार्यक्रम और तय आधार के अनुसार हो रहा है। दोनों देशों के बीच जुलाई में उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के 16वें दौर के बाद गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बनी थी। लेकिन ज़मीनी स्तर पर जो देखा जा रहा है वह यह है कि जहां भारतीय सेना पीछे हट रही है वहीं चीनी सेना आगे की ओर लगातार बढ़ रही है। ग़ौरतलब है कि 14 जून, 2020 को, गलवान घाटी में एक नियमित गश्त के दौरान भारतीय और चीनी सैनिकों में ख़ूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। चीन ने चार सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है, हालांकि भारत दावा करता है कि चीन के ज़्यादा सैनिक मारे गए थे। (RZ)
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