दूसरे के हितों के लिए गांगुली को चुनाव लड़ने का मौक़ा नहीं दिया गयाः ममता
पश्चिम बंगला की मुख्यमंत्री का कहना है कि किसी दूसरे के हितों को साधने के लिए गांगुली को आईसीसी के चुनाव से वंचित रखा गया।
भारतीय संचार माध्यमों के अनुसार ममता बनर्जी ने इस काम को राजनीतिक प्रतिशोध की शर्मनाक कार्यवाही बताया। ममता बनर्जी ने गुरूवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के प्रमुख पद के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली का नामांकन न भेजकर उन्हें इस प्रक्रिया से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस काम को राजनीतिक प्रतिशोध बताया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किसी दूसरे के हितों को सुरक्षित रखने के लिए सौरभ गांगुली को चुनाव लड़ने का मौक़ा नहीं दिया गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि गांगुली को आईसीसी में क्यों नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि क्रिकेट बोर्ड में किसी के हितों को साधने के लिए एसा किया गया।
ममता बनर्जी का कहना था कि मैंने अनेक भाजपा नेताओं से बात की लेकिन सौरव गांगुली का नाम नहीं भेजा गया। उन्हें वंचित किया गया है। यह, शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है।
याद रहे कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने इसी सप्ताह के आरंभ में सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल न मिलने पर हैरानी जताई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था ताकि गांगुली को आईसीसी प्रमुख के पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाए। गांगुली की जगह पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का 36वां अध्यक्ष चुना गया है।