अफ़ग़ानिस्तान को आतंकवादियों का सुरक्षित स्थल नहीं बनने देना चाहिएः भारत
(last modified Sat, 19 Nov 2022 11:50:27 GMT )
Nov १९, २०२२ १७:२० Asia/Kolkata
  • अफ़ग़ानिस्तान को आतंकवादियों का सुरक्षित स्थल नहीं बनने देना चाहिएः भारत

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के दूत आर मधुसूदन ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान को आतंकवाद के फलने-फूलने के स्थान में परिवर्तित नहीं होना चाहिए।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले साल 15 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान द्वारा फिर से सत्ता में लौटने के बाद भारत सरकार ने इस देश में आतंकवादी समूहों की गतिविधियों के बढ़ने के संभावित ख़तरे के बारे में कई बार चेतावनी दी है। लगभग दो महीने पहले, भारतीय विदेश मंत्री ने भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादी समूहों की उपस्थिति क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए ख़तरा है। एक बार फिर अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के समक्ष उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों पर रूस की पहल पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एरिया फॉर्मूला बैठक में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के दूत आर मधुसूदन ने कहा कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले, भारत अफ़ग़ानिस्तान में विकास, पुनर्निर्माण और क्षमता निर्माण के उद्देश्य से तीन अरब डॉलर से अधिक लागत की प्रतिबद्धता के साथ परियोजनाओं और कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘हाल के दिनों में, आतंकवादी हमलों में, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के उपासना स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे सार्वजनिक स्थलों को निशाना बनाया गया है। यह चिंताजनक है और भारत निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा करता है। रूसी संघ के राजनयिक परिसर पर हुआ हमला अत्यधिक निंदनीय है।” मधुसूदन ने उल्लेख किया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामूहिक दृष्टिकोण को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में व्यक्त किया गया है, जिसे अगस्त 2021 में परिषद की भारत की अध्यक्षता के तहत अपनाया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग आतंकवादियों- विशेष रूप से सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित किए गए लोगों और संगठनों के आश्रय, प्रशिक्षण और वित्तपोषण के लिए नहीं होना चाहिए।

पिछले साल 15 अगस्त को  तालेबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर फिर से नियंत्रण कर लिया था

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के दूत मधुसूदन ने कहा कि, “हालांकि, राजनीतिक स्थिति में बदलाव के परिणामस्वरूप विभिन्न कारणों से हमारी परियोजनाओं की गति धीमी हो गई है। फिर भी, अफ़ग़ानिस्तान के लोगों की मदद करने के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता में कोई बदलाव नहीं आया है।” उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। मधुसूदन ने कहा कि यह मानना ​​महत्वपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति को लेकर कुछ चिंताएं बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में नई दिल्ली की मुख्य प्राथमिकताओं में अफ़ग़ान लोगों के लिए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना, वास्तविक समावेशी और प्रतिनिधि सरकार का गठन, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना तथा महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण करना शामिल है। (RZ)

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