मणिपुर में एक नहीं 200 से ज़्यादा हुई हैं ऐसी घटनाएं, सामूहिक क़ब्रों में दफ़्न कर दिया बेटियों को, मोदी की चुप्पी से कट्टरपंथियों का बढ़ा मनोबल!
(last modified Thu, 20 Jul 2023 10:15:55 GMT )
Jul २०, २०२३ १५:४५ Asia/Kolkata
  • मणिपुर में एक नहीं 200 से ज़्यादा हुई हैं ऐसी घटनाएं, सामूहिक क़ब्रों में दफ़्न कर दिया बेटियों को, मोदी की चुप्पी से कट्टरपंथियों का बढ़ा मनोबल!

भारत का मणिपुर राज्य जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां से जिस तरह की विचलित कर देने वाली वीडियोज़ और तस्वीरें सामने आ रही हैं उससे ऐसा महसूस होता है कि जैसे इस राज्य में क़ानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं है। वहीं मोदी सरकार भी इसपर केवल इसलिए चुप्पी साधे है क्योंकि वहां उन्हीं की पार्टी की सरकार है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हो रहा है, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया जा रहा है। भारत के लगभग सभी मीडिया ग्रुपों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह वीडियो मणिपुर में बीते 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के एक दिन बाद का है। घटना बीते 4 मई को कांगपोकपी ज़िले के ‘बी फैनोम’ गांव में हुई थी। घटना के संबंध में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। वहीं अब स्वयं इस राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस तरह की 100 के ऊपर घटनाएं हुई हैं। वहीं एक आदिवासी महिला कार्यकर्ता ने तो बहुत ही सनसनीखेज़ ख़ुलासा किया है। उनका कहना है कि कट्टरपंथियों के पास अचानक से आधुनिक हथियार कहां से आए हैं? इसके बारे में कोई जवाब देने वाला नहीं है। आदिवासी महिला कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि लगभग 200 लड़कियों का बलात्कार हुआ है, जिसमें छोटी-छोटी बच्चियां भी शामिल हैं। उनके अनुसार बलात्कार की घटना अंजाम देने के बाद उन पीड़ित बच्चियों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर उन्हें दफ़्न कर दिया गया।

वहीं दो महीने से ज़्यादा समय से मणिपुर में जारी हिंसा पर न भारतीय मीडिया अपनी ज़बान खोल रहा था और न हीं केंद्र की मोदी सरकार। विपक्ष लगातार इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा था, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी तो मणिपुर भी गए, जिसपर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति भी जताई थी। राहुल गांधी ने वहां पीड़ितों से मुलाक़ात की थी, उनके साथ समय बिताया था और दिल्ली वापसी पर सरकार से कई सवाल पूछे थे। उन्होंने मणिपुर की स्थिति पर खेद जताते हुए सरकार से तुरंत एक्शन लेने की अपील भी की थी। लेकिन इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी अमेरिका तौ कभी फ्रांस और संयुक्त अरब इमारात के दौरों पर व्यस्त रहे। साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा पर एक भी शब्द नहीं कहे। वहीं उनके मंत्री और उनकी पार्टी के नेताओं ने भी इसपर चुप्पी साधी हुई थी। अब जब मोदी ने मानसून सत्र के आरंभ होने से पहले इसपर बोला है तो उन्होंने मणिपुर के साथ-साथ राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम लेकर राजनीतिक को हवा भी दे दी है। वहीं सोशल मीडिया पर मोदी की चुप्पी और उनकी क़रीबी केंद्रीय महिला विकास मंत्री स्मृति ईरानी की ख़ामोशी पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। (RZ)

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