Aug १६, २०२३ ०८:५५ Asia/Kolkata
  • भारत के मुख्य न्यायधीश ने बिल्डोज़र कार्यवाही पर जताई चिंता, न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार को बताया ज़रूरी

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अदालतों को सुलभ और समावेशी बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए उच्चतम न्यायालय का विस्तार करने की योजना के बारे में मंगलवार को जानकारी दी।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूढ़ ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार ज़रूरी है। उन्होंने कहा, "न्याय प्रणाली की ताक़त न्याय प्रदान करना है, किसी व्यक्ति की मनमाने ढंग से गिरफ्तारी, विध्वंस की धमकी, संपत्तियों को अवैध रूप से कुर्क किया गया है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जजों से सांत्वना मिलनी चाहिए। भारत के चीफ़ जस्टिस ने कहा, "हमारा संविधान यह सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करता है कि शासन की संस्थाएं परिभाषित संवैधानिक सीमाओं के अंदर काम करें। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंचने में बाधाओं को ख़त्म करना है। इसके लिए अदालती बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने की ज़रूरत है।

भारत के मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूढ़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार, देश के अग्रणी बार के रूप में क़ानून के शासन की सुरक्षा के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमें न्याय देने की कोर्ट की क्षमता में विश्वास पैदा करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर एक व्यक्ति को इंसाफ मिले। हमें अदालत के बुनियादी ढांचे में सुधार करने की ज़रूरत है। सभी तीन अंग, न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका राष्ट्रीय निर्माण के लिए सामान्य कार्य में जुड़े हुए हैं। (RZ)

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