Aug २५, २०२३ १७:२७ Asia/Kolkata
  • भारतीय कुश्ती अपने सबसे बुरे दौर में, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने डब्ल्यूएफ़आई की सदस्यता की रद्द

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफ़आई) की सदस्यता रद्द कर दी है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग 30 मई को भारतीय कुश्ती संघ को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि अगले 45 दिन यानी 15 जुलाई तक भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव नहीं किया गया तो सदस्यता सस्पेंड कर दी जाएगी।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द कर दी गई है। कुश्ती की वर्ल्ड गवर्निंग बॉडी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा यह फ़ैसला किया गया है। चुनाव में देरी की वजह से यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने यह निर्णय लिया है। मई के अंत में यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने चुनाव के बारे में जानकारी नहीं देने पर भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करने की भी धमकी दी थी। 12 अगस्त को कुश्ती संघ का चुनाव होना था लेकिन इससे एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इसपर रोक लगा दी थी। ग़ौरतलब है कि भारतीय कुश्ती संघ अपने पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण सिंह पर कुछ महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बाद पहले से ही मुश्किलों में घिरी हुई है। अब संघ की सदस्यता जाने के बाद भारतीयों पहलवानों के लिए यह बड़ा झटका है। इस फ़ैसले के बाद भारतीय पहलवान अब 16 से 22 सितंबर के बीच सर्बिया में होने वाली पुरुषों की वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारतीय झंडे के तले नहीं खेल पाएंगे। भारतीय पहलवानों को इस ओलिंपिक-क्वालिफाइंग चैंपियनशिप में यूडब्ल्यूडब्ल्यू के बैनर तले ही खेलना होगा। इन्हें ‘ऑथोराइज़्ड न्यूट्रल एथलीट' (एएनए) की कैटेगरी में गिना जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इस साल जनवरी और अप्रैल में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया की अगुआई में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। विवाद के बाद इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने WFI को भंग करते हुए एडहॉक कमेटी बनाकर उसे WFI के नए पदाधिकारियों के चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंप दी थी। एडहॉक कमेटी ने 12 अगस्त को मतदान की तारीख़ तय कर दी थी। लेकिन इस बीच बृजभूषण सिंह द्वारा WFI चुनाव में किसी भी हरियाणवी उम्मीदवार को शामिल न किए जाने की मांग ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने हरियाणा से ताल्लुक़ रखने वाले देवेद्र सिंह कादियान, अनीता श्योराण और प्रेमचंद लोचब के नाम पर असहमति जताई। वह चाहते थे कि उत्तराखंड कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष सतपाल सिंह या हरियाणा के अलावा किसी दूसरे राज्य से संबंध रखने वाले को WFI की कमान सौंपी जाए। जिसपर वोटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा की अगुआई वाली हरियाणा कुश्ती संघ ने इसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। हरियाणा कुश्ती संघ का तर्क था कि चुनाव में उसे वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया है, जबकि वह भारतीय कुश्ती संघ और हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन से एफिलिएटेड हैं। इस बीच यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की ओर से भारतीय कुश्ती संघ की सदस्यता रद्द करने के बाद सियासत गर्मा गई है। हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। (RZ)

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