Sep ०१, २०२३ ०८:५३ Asia/Kolkata
  • क्या दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर ख़तरा मंडरा रहा है? मोदी सरकार की एक नोटिस से भारतीय मुसलमानों में बढ़ी बेचैनी!

दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने नोटिस जारी किया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने नोटिस जारी किया है। इन संपत्तियों में दिल्ली की जामा मस्जिद भी शामिल है। ग़ौरतलब है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने जामा मस्जिद को वक़्फ़ बोर्ड दे दिया था, लेकिन अब सरकार दिल्ली की महत्वपूर्ण 123 संपत्तियों को वापस लेने की तैयारी कर रही है। जानकारी के लिए बता दें कि जिस मस्जिद को इस लिस्ट में शामिल किया गया है वह लाल क़िले के पास वाली जामा मस्जिद नहीं है। यह अलग मस्जिद है जो सेंट्रल दिल्ली में मौजूद है। बता दें कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने बुधवार को वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को अपने क़ब्ज़े में लेने के लिए नोटिस जारी किया है। यह घटनाक्रम तब सामने आया है कि जब मंत्रालय ने इस साल फ़रवरी में दो सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर मस्जिदों, दरगाहों और क़ब्रिस्तानों सहित वक़्फ़ बोर्ड की 123 संपत्तियों को अपने क़ब्ज़े में लेने का फ़ैसला किया था।

8 फ़रवरी को लिखे एक पत्र में उप भूमि और विकास अधिकारी ने वक़्फ़ बोर्ड को पत्र लिखकर 123 संपत्तियों से संबंधित सभी मामलों की जानकारी दी थी। कंद्रीय मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय ने कहा है कि ग़ैर-अधिसूचित वक़्फ़ संपत्तियों के मुद्दे पर न्यायमूर्ति की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसे दिल्ली वक़्फ़ से कोई प्रतिनिधित्व या आपत्ति नहीं मिली है। इस मामले से जुड़े एक पत्र में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की सूचीबद्ध संपत्तियों में कोई हिस्सेदारी नहीं है, न ही उन्होंने संपत्तियों में कोई रूचि दिखाई है और न ही कोई आपत्ति या दावा दायर किया है। इसलिए दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड को इससे मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। इस मामले पर आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह ख़ान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिन्होंने कहा था कि इस फ़ैसले से मुस्लिम समुदाय के बीच चिंता पैदा हुई है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा है कि कुछ लोग इसके बारे में झूठ फैला रहे हैं इसका सबूत आप सभी के सामने है। हम वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों पर किसी को क़ब्ज़ा नहीं करने देंगे। (RZ)

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