भारत के बिहार राज्य में ज़ोरदार राजनैतिक पैंतरेबाज़ी देखने में आई
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। विश्वास मत पर पहले ध्वनिमत से फ़ैसला लिया गया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर वोटिंग कराई गई और विश्वास मत के पक्ष में 129 वोट पड़े।
वोटिंग में विपक्ष के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया, बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत होती है।
नीतीश कुमार ने सोमवार 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। विश्वास मत के पहले दोनों ओर से बयानों का दौर जारी था, विपक्ष ‘खेला’ होने का दावा कर रहा था तो बीजेपी और जेडीयू के नेता विश्वास मत हासिल करने का दावा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वास मत पेश करने से पहले बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
प्रस्ताव के समर्थन में बहुमत होने के कारण चौधरी ने कुर्सी छोड़ दी और डिप्टी स्पीकर माहेश्वर हजारी ने कुर्सी संभाली।
विश्वास मत पर चर्चा के दौरान बयानों के तीखे तीर चले।
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