चुनावी बॉन्ड योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का असर, कांग्रेस के बैंक खाते फ़्रीज़
भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कहा कि आयकर विभाग ने उसके बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया है और अपने सांसदों से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने और नकद योगदान में कथित 45 दिन की देरी पर वसूली के रूप में 210 करोड़ रुपये की मांग की है।
इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के तुरंत बाद पार्टी ने कहा कि उनके बैंक खाते अनफ्रीज़ कर दिए गए हैं। एक वीडियो संदेश में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने ‘आगे की सुनवाई होने तक’ कांग्रेस पार्टी के खातों को अनफ्रीज़ कर दिया है।
कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने सोशल साइट एक्स पर एक बयान में कहा है कि आयकर विभाग और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने अदालत में कहा कि कि पार्टी को अपने बैंकों में खातों में अंकित ग्रहणाधिकार के रूप में 115 करोड़ रुपये सुनिश्चित करने होंगे।
उन्होंने कहा कि हम इससे अधिक राशि खर्च कर सकते हैं, इसका मतलब है कि 115 करोड़ रुपये फ्रीज़ कर दिए गए हैं, यह 115 करोड़ रुपये हमारे चालू खातों में रखी गई रकम से कहीं अधिक है।
नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए माकन ने कहा कि कांग्रेस और यूथ कांग्रेस दोनों के खाते फ्रीज़ कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह लोकतंत्र ही है, जो भारत में ‘फ्रीज़’ हो गया है।
कांग्रेस का दावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करने के ठीक एक दिन बाद आया है।
15 फरवरी को एक फैसले में शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक से चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से मिले दान – जिसमें संभवत: दानकर्ता शामिल होंगे – और योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा था। (AK)