भारतः केन्द्र सरकार ने आंदोलित किसानों के सामने रखा प्रस्ताव, क्या समाधान क़रीब है?
(last modified Mon, 19 Feb 2024 08:08:17 GMT )
Feb १९, २०२४ १३:३८ Asia/Kolkata
  • भारतः केन्द्र सरकार ने आंदोलित किसानों के सामने रखा प्रस्ताव, क्या समाधान क़रीब है?

भारत में आंदोलन कर रहे किसानों के साथ रविवार को केन्द्र सरकार की चौथी बैठक हुई। बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों के सामने फसलों के विविधीकरण का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत अलग-अलग फसलें उगाने पर उन्हें एमएसपी पर ख़रीदा जाएगा।

किसान नेताओं ने कहा है कि वे सरकार के इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे, उनका यह भी कहना है कि अभी उनकी बाक़ी मांगों पर चर्चा नहीं हुई है।

इस बैठक में किसानों के 14 प्रतिनिधि और केंद्र सरकार के तीन मंत्री शामिल हुए, इनके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी बैठक में मौजूद रहे।

किसान संगठनों और तीनों केंद्रीय मंत्रियों के बीच इससे पहले तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, ये बैठकें आठ, 12 और 15 फरवरी को चंडीगढ़ में ही हुई थीं।

चौथी बैठक में भाग लेने कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय चंडीगढ़ पहुंचे थे।

बैठक शुरू होने से पहले दो मिनट का मौन रखकर किसान आंदोलन के दौरान हार्ट अटैक से मरे गुरदासपुर के 79 साल के किसान ज्ञान सिंह को श्रद्धांजलि दी गई।

किसानों के साथ बैठक करने से पहले तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ शहर के एक होटल में बैठक की।

इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पैनल ने किसानों को एक समझौते का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत सरकारी एजेंसियां उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पांच साल तक दालें, मक्का और कपास खरीदेंगी।

गोयल ने कहा कि यह प्रस्ताव भी दिया गया है कि कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया के माध्यम से किसानों से पांच साल तक एमएसपी पर कपास की खरीद की जाएगी।

किसान नेताओं का कहना है कि वे अपने मंचों पर सरकार के प्रस्ताव पर अगले दो दिन तक चर्चा करेंगे और उसके बाद भविष्य की रणनीति तय करेंगे।

उन्होंने कहा कि कर्ज़ माफ़ी और बाक़ी मांगों पर चर्चा अभी नहीं हुई है, उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो दिन में इन मसलों पर भी कुछ सहमति बनेगी।

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