चंडीगढ़ का मेयर चुनाव, भाजपा ने बदला नंबरगेम, तीन पार्षदों को तोड़ा
भाजपा से चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने रविवार 18 फ़रवरी को ‘नैतिक आधार’ का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका चुनाव पिछले महीने पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के एक दिन पहले ही यह घटनाक्रम सामने आया है।
संयोग से यह उस दिन हुआ जब आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, यह एक ऐसा घटनाक्रम है, जिसकी वजह से अब सोनकर के इस्तीफे के बाद होने वाले नए मेयर चुनाव में भाजपा को आप-कांग्रेस गठबंधन पर बढ़त मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आप पार्षद नेहा मुसावत, पूनम देवी और गुरुचरण काला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए।
बीते 30 जनवरी के हुए मेयर चुनाव में मनोज सोनकर ने कुलदीप कुमार के खिलाफ जीत हासिल की थी, जब पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था। इसके खिलाफ कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने 5 फरवरी को चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी के आचरण को गंभीरता से लिया और उन्हें सोमवार 19 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में पेश होने के लिए कहा था।
पार्टी पार्षदों के पाला बदलने पर प्रतिक्रिया देते हुए आप चंडीगढ़ प्रभारी सनी अहलूवालिया ने आरोप लगाया कि तीनों को भाजपा में शामिल होने की धमकी दी गई थी।
दूसरी ओर 36 सदस्यीय सामान्य सदन में आप-कांग्रेस की ताकत घटकर 17 रह गई है, जिसमें आप के 10 और कांग्रेस के 7 सदस्य हैं।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसके बाद शीर्ष नेतृत्व ने सोनकर से तुरंत इस्तीफा देने को कहा था।
चंडीगढ़ मेयर का चुनाव आप-कांग्रेस गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है, जिसकी घोषणा 18 जनवरी को मतदान की शुरुआती तारीख से सिर्फ तीन दिन पहले की गई थी. आप सांसद राघव चड्ढा ने घोषणा की थी कि यह विपक्ष के इंडिया गठबंधन की पहली जीत होगी। (AK)
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