वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस्राईल को दिया धचका, हथियार ले जाने से इनकार, अडानी समूह शामिल है फ़िलिस्तीनियों की हत्या में
वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने घोषणा की है कि वह हथियार लेकर इस्राईल जाने वाले किसी भी जहाज पर हथियार लोड या अनलोड करने से इनकार कर देगा।
यह फेडरेशन 11 प्रमुख भारतीय बंदरगाहों पर लगभग 3,500 श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है।
बीते 14 फरवरी को संगठन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने इस्राईल या किसी अन्य देश से हथियारबंद कार्गो को लोड या अनलोड करने से इनकार करने का फैसला किया है जो फिलिस्तीन से युद्ध के लिए सैन्य उपकरणों और उसके संबद्ध कार्गो का हिस्सा हो सकते हैं।
फेडरेशन का कहना है कि बंदरगाह श्रमिकों के रूप में श्रमिक संघों का हिस्सा हमेशा युद्ध और महिलाओं तथा बच्चों जैसे निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खड़ा रहेगा।
उन्होंने कहा है कि हमारे फेडरेशन के सदस्यों ने सामूहिक रूप से सभी प्रकार के हथियारयुक्त कार्गो के लिए काम करने से इनकार करने का फैसला किया है। इन हथियारों को लोड करने और इन्हें उतारने से संगठनों को निर्दोष लोगों को मारने में मदद मिलती है।
प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि ज़िम्मेदार ट्रेड यूनियन के रूप में हम शांति के लिए अभियान चलाने वालों के साथ अपनी एकजुटता की घोषणा करते हैं, हम दुनिया भर के मजदूरों और शांतिप्रिय लोगों से आजाद फिलिस्तीन की मांग के साथ खड़े होने का अह्वान करते हैं।
इस बीच हैदराबाद स्थित एक संयुक्त उद्यम, जिसमें अडानी समूह की नियंत्रण हिस्सेदारी है, ने 20 से अधिक सैन्य ड्रोन का निर्माण करके इस्राईल भेजा है।
अडानी-एलबिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड ने हाल ही में हर्मीस ड्रोन जैसे ड्रोन सौंपे है।
1945 में स्थापित वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस ने बीते 13 फरवरी को फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा था कि उनकी मांग है कि संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलिस्तीनी भूमि में इस नए नकबा को रोकने के लिए तत्काल निर्णय लेंगे। (AK)
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