भारत में सरकार और किसानों के बीच नहीं बन सकी बात, दिल्ली चलो का नारा फिर गूंजा
भारत में किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच बातचीत से अब तक कोई सहमति नहीं बन पायी है और किस्तान 21 फ़रवरी को दिल्ली कूच करने की तैयारी में लग गए हैं।
मोदी सरकार ने किसानों की मांगों के मद्देनज़र एक प्रस्ताव दिया था जिस पर विचार करने के बाद किसानों ने उसे अस्वीकार कर दिया। पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष कमिटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि किसानों को सरकार का प्रस्ताव मंज़ूर नहीं है अब हम 21 फ़रवरी को 11 बजे दिल्ली की तरफ़ बढ़ेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ये फ़ैसला लिया गया है कि सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसकी नापतोल अगर की जाए तो उसमें कुछ नज़र नहीं आ रहा।
किसान संगठनों की मांग है कि 23 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी दिया जाए, एमएसपी को क़ानूनी अधिकार बनाने की मांग की जा रही है।
किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को अमल में लाया जाए, किसानों और खेत मज़दूरों को पेंशन दी जाए।
इसके अलावा लखीमपुर खीरी मामले में दोषियों को सज़ा देने की मांग भी किसान कर रहे हैं।
18 फ़रवरी को किसानों के साथ बातचीत में केंद्र सरकार ने पाँच फसलों पर एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के तहत किसानों को सरकारी एजेंसियों के साथ पाँच साल का करार करना था।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ये जो प्रस्ताव आया है, वह किसानों के पक्ष में नहीं है, हम इस प्रस्ताव को रद्द करते हैं।
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