भारतः किसानों और पुलिस के बीच टकराव एक युवा की मौत
(last modified Wed, 21 Feb 2024 12:06:43 GMT )
Feb २१, २०२४ १७:३६ Asia/Kolkata
  • भारतः किसानों और पुलिस के बीच टकराव एक युवा की मौत

भारत में किसानों का आंदोलन जारी है और पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर बुधवार दोपहर सुरक्षाबलों की ओर से किसानों पर आँसू गैस के गोले फ़ायर किए गए हैं।

मीडिया में आ रही ख़बरों, तस्वीरों और वीडियोज़ में देखा जा सकता है कि हर जगह धुआँ और अफ़रा-तफ़री का माहौल है और तस्वीरों में आँसू-गैस के गोले दागे जाने की आवाज़ें भी सुनी जा सकती हैं।

उधर खनौली में हरियाणा-पंजाब की सरहद पर में तनाव है, वहां कुछ युवकों के घायल होने की ख़बर है।

सयुंक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के लीडर जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि पुलिस मार्च कर रहे है किसान नेताओं पर आँसू गैस के गोले दागे गए हैं।

पंजाब हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई है। पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरनाम सिंह रेखी ने पुष्टि की है कि किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर कथित गोलीबारी में 24 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत हो गई है।

उन्होंने कहा कि मौत का प्राथमिक कारण सिर के पीछे गोली लगना है, उन्हें मृत अवस्था में पटियाला के राजिंदरा सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था।

उन्होंने कहा है कि विस्तृत जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगी, शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

अस्पताल के मुताबिक, शुभ करण सिंह बठिंडा ज़िले के बालोन गांव के रहने वाले थे। किसान नेताओं ने इस मामले में समाचार एजेंसियों से बात की है।

किसान नेता पंढेर ने कहा कि जब आप हमारे सीधे लड़के मारेंगे तो शांति कहां से रहती है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से जो कहा गया, वो तो उन्होंने किया नहीं. बातचीत के लिए हम कभी इनकार नहीं करते, सरकार उसके लिए माहौल बनाए, जब हमारे लोग शहीद हो रहे हैं तो बातचीत उचित नहीं होती।

हरियाणा पुलिस ने एक्स पर लिखा है अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है।

शंभू बॉर्डर पर किसानों पर छोड़े जा रहे आंसू गैस के गोलों और प्लास्टिक की गोलियों पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है।

पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए किसानों की मांग को जायज़ ठहराया है।

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