गुजरात मॉडल की हक़ीक़त बयान करते अस्पताल
गुजरात में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़े अस्पतालों को पिछले दो वर्षों से उनकी बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
इस बात का कोई लिखित आश्वासन नहीं है कि योजना के तहत लगभग 300 करोड़ रुपये का लंबित बकाया चुका दिया जाएगा।
पीएमजेएवाई इम्पैनल्ड प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ने इसका विरोध करने का फ़ैसला किया है। इस एसोसिएशन से 789 निजी और धर्मार्थ अस्पताल जुड़े हैं।
एसोसिएशन ने बीते गुरुवार 22 फरवरी को कहा कि वह प्रतीकात्मक विरोध के रूप में 26 से 29 फरवरी तक इस योजना के तहत मरीजों को स्वीकार नहीं करेगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एसोसिएशन ने 13 फरवरी को अहमदाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि सरकार ने अब तक पिछले दो वर्षों से लंबित बकाया का भुगतान नहीं किया है, इसके कारण कई निजी और ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल ‘दिवालिया होने के कगार पर’ हैं।
एसोसिएशन ने यह भी दावा किया था कि इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित विभिन्न सरकारी अधिकारियों को कई ज्ञापन दिए गए हैं, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
एसोसिएशन के सदस्यों ने बीमा कंपनी बजाज आलियांज द्वारा ‘अस्पष्टीकृत कटौती और दावों की अस्वीकृति’ की भी शिकायत की है। (AK)
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