क्या राजनैतिक पार्टियों को मतदाताओं से किया वादा पूरा करना चाहिए?
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि मतदाताओं को राजनीतिक दलों द्वारा किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की व्यवहारिकता के बारे में जानने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने चुनाव घोषणापत्रों में वादे करने का अधिकार है और मतदाताओं को यह जानने का अधिकार है कि क्या ये असली हैं और इनकी फंडिंग कैसी होगी।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पूरा मामला अदालत में चल रहे एक केस का हिस्सा है, जो विचाराधीन है।
चेन्नई में एक संवाददाता सम्मेलन में राजीव कुमार ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को उनके चुनावी वादों का खुलासा करने के लिए एक ‘प्रोफार्मा’ तैयार किया है हालांकि, यह पहलू अदालत में लंबित मामले से भी संबंधित है।
उन्होंने कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क रहने और कैश तथा फ्रीबीज़ बांटने से रोकने का निर्देश दिया गया है, साथ ही नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को भी ऑनलाइन लेनदेन पर नजर रखने का काम सौंपा गया है।
चुनावों की घोषणा पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जैसा कि आपने बताया कि चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, यह फर्जी खबरें चल रही हैं हालांकि, इस फर्जी खबर का आधे घंटे के भीतर ही खंडन कर दिया गया और यह स्पष्ट कर दिया गया कि यह फेक न्यूज़ है।
ज्ञात हो कि तमिलनाडु में पिछले चुनावों के दौरान पार्टियां अक्सर एक-दूसरे पर कैश और तोहफ़े बांटकर मतदाताओं को ‘लुभाने’ का आरोप लगाती रही हैं। (AK)
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