भारत में आगामी लोकसभा चुनाव और मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण और भेदभाव के संबंध में संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टुर्क ने कई देशों में चुनावों का ज़िक्र करते हुए भारत में आगामी आम चुनाव के बारे में भी टिप्पणी की है, जिस पर मोदी सरकार ने नाराज़गी ज़ाहिर की है।
टुर्क का कहना था कि 96 करोड़ मतदाताओं के साथ भारत का आगामी चुनाव अनोखा है। वह इस देश की धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक परंपराओं और इसकी महान विविधता की सराहना करते हैं। लेकिन उनकी कुछ चिंताएं भी हैं।
उन्होंने नागरिकों के अधिकारों पर बढ़ती पाबंदियों के साथ-साथ, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और आलोचकों को निशाना बनाए जाने और अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण और भेदभाव को लेकर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि चुनाव से पहले सभी की अर्थपूर्ण भागीदारी के लिए एक खुला माहौल होना बेहद अहम हो जाता है।
टुर्क ने कहा कि इस साल 60 से अधिक देशों में चुनाव होंगे और इस नज़रिये से 2024, एक महा चुनावी साल है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने टुर्क के बयान को अनावश्यक क़रार देते हुए कहा कि उनका बयान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करता है। msm