इस्लाम शांति और एकता का धर्म हैः मौलाना कल्बे जवाद
(last modified Sun, 25 Mar 2018 14:03:20 GMT )
Mar २५, २०१८ १९:३३ Asia/Kolkata
  • इस्लाम शांति और एकता का धर्म हैः मौलाना कल्बे जवाद

लखनऊ के ऐतिहासिक आसफ़ी इमामबाड़े (बड़ा इमामबाड़ा) में आयोजित शिया-सूफ़ी सद्भावना सम्मेलन में भारत में शिया मुसलमानों के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद ने सभी धर्मों और मुस्लिम समुदायों  से एकजुट होकर संपूर्ण विश्व में नासूर बन चुके आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने तथा इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है।

लखनऊ से हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव और लखनऊ के इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद ने शिया-सूफ़ी सद्भावना सम्मेलन में मौजूद हज़ारों की संख्या में शामिल धर्मगुरूओं, बुद्धिजीवियों,विद्वानों और आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज विश्व स्तर पर इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है जबकि इस आतंकवाद के पीछे इस्लाम विरोधी शक्तियों का हाथ है।

उन्होंने कहा कि इस्लाम विरोधी ताक़तें कुछ नक़ली मुसलमानों को आतंकवाद का चेहरा बनाकर दुनिया के सामने पेश कर रही हैं और फिर मीडिया के माध्यम से दुनिया भर में इस्लामी आतंकवाद का ढिंढोरा पीटकर मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।

मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने नाम लिए बिना कहा कि एक कट्टरपंथी समुदाय सामप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन उसके कारण सभी समुदाय बदनाम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय इस बात की आवश्यकता है कि वैश्विक स्तर पर शिया-सुन्नी और सूफ़ी समुदाय में एकता हो और दुनिया को यह संदेश दें कि इस्लाम शांति और एकता का धर्म है।

लखनऊ से हमारे संवाददाता मोहसिन रिज़वी की रिपोर्टः इस्लाम के नाम पर आतंकवाद करने वाले मुस्लिम नहीः कल्बे जवाद

मौलाना कल्बे जवाद ने हमारे संवाददाता मोहिसन रिज़वी से बात करते हुए कहा कि यह बहुत अफ़सोस की बात है कि आज दुनिया इस्लामा आतंकवाद, मुसलमान आतंकवादी की बात कर रही है साथ ही मीडिया भी इसी तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा आजका सम्मेलन एक प्रयास है कि दुनिया भर में फैले इस भ्रम को हम एक साथ मिलकर समाप्त कर सकें। मौलाना ने कहा कि न इस्लाम का आतंकवाद से कोई संबंध है और न ही मुसलमानों का। (RZ)